यूपी सीएम मीडिया सेल के कर्मचारी ने दे दी जान, आखिरी पत्र को किया गया डिलीट

अपने आखिरी मैसेज में पार्थ ने अपनी कंपनी के 3-4 सदस्यों का जिक्र किया है, इस नोट से मालूम चल रहा है कि पार्थ अपनी कंपनी में होने वाली राजनीति से परेशान थे।

New Delhi, May 21 : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की मीडिया सेल में काम करने वाले 28 वर्षीय पार्थ श्रीवास्तव ने बुधवार को सुसाइड कर लिया, पार्थ का एक सुसाइड नोट और सोशल मीडिया पोस्ट का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जिसमें सीएम को टैग करते हुए पार्थ ने लिखा था, मेरी आत्महत्या एक कत्ल है, हालांकि अब पार्थ के सोशल मीडिया हैंडल से सुसाइड नोट गायब है।

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गड़बड़ी का आरोप
दूसरी ओर पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने सूचना मंत्रालय पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है, अपनी पोस्ट में उन्होने कहा, ये सिर्फ बच्चे के शोषण का नहीं, गैरकानूनी ढंग से मान्यता देने का केस है, पार्थ के सुसाइड लेटर की बुनियाद पर तत्काल नामजद मुकदमा दर्ज किया जाए, उनका कहना है कि फर्जी ढंग से आईटी सेल के लोगों को मान्यता प्राप्त पत्रकार बनाने पर सूचना विभाग के सभी अधिकारी सस्पेंड हों। उन्होने सीएम योगी को टैग कर लिखा, मुख्यमंत्री जी, ये आपकी नाक के नीचे क्या हो रहा है, अब आईटी सेल के कर्मचारियों को गैरकानूनी ढंग से मान्यता प्राप्त पत्रकार बनाया जाएगा और ये बच्चों का शोषण कर उन्हें आत्महत्या के लिये मजबूर करेंगे, अब तक एफआईआर क्यों नहीं हुई इस प्रकरण में।

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मामला अब गंभीर हो गया है
उन्होने अपने पोस्ट में लिखा, मामला अब गंभीर हो गया है, जिन दो लोगों के नाम सुसाइड लेटर में हैं, पुष्पेंद्र सिंह और प्रणय सिंह, वो दोनों किसी रोजाना मुजफ्फरनगर अखबार में संवाददाता हैं, और मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं, dead body सोशल मीडिया टीम के लोगों को मान्यता कैसे दी गई, ये सरासर गैरकानूनी है, उनहोने लिखा, ऐसी बेशर्मी की बच्चे द्वारा ट्वीट किया गया सुसाइड नोट तक डिलीट कर दिया गया, ऐसा किसने किया, क्या छिपाना चाहते हैं लोग, मुख्यमंत्री जी ये आपके बच्चे हैं, जो आपके कहने पर दिन रात हमें गालियां देते हैं, आज इनमें से एक ने तंग आकर आत्महत्या कर ली है, न्याय करिए।

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तीन-चार सदस्यों का जिक्र
अपने आखिरी मैसेज में पार्थ ने अपनी कंपनी के 3-4 सदस्यों का जिक्र किया है, इस नोट से मालूम चल रहा है कि पार्थ अपनी कंपनी में होने वाली राजनीति से परेशान थे, उन्होने अपने साथ काम करने वाली शैलजा और पुष्पेंद्र के नामों का जिक्र करते हुए उन्हें सुसाइड के लिये जिम्मेदार ठहराया है, पार्थ ने बुधवार की सुबह अपने घर पर रस्सी से फंदा बनाकर सुसाइड कर लिया, घर में लटके बेटे के शव को लेकर पिता रविन्द्र नाथ श्रीवास्तव राम मनोबर लोहिया अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया, पुलिस का कहना है कि उन्हें सुसाइड नोट नहीं मिला है। पार्थ के दोस्त आशीष पांडे ने सोशल मीडिया पर पार्थ के ट्विटर और फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए जस्टिस फॉर पार्त कैंपेन शुरु किया है, सवाल ये है कि पार्थ के ट्विटर हैंडल से उसके पोस्ट किये गये 2 पेज के सुसाइड नोट को आखिर किसने डिलीट किया, ये सबकुछ उसकी मौत के बाद हुआ है।