शनि जयंती के दिन लग रहा है साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण, इस एक राशि पर सबसे ज्‍यादा असर

साल का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून 2021, गुरुवार को लगने जा रहा है, इस दिन कुछ और खास संयोग भी बन रहे हैं । आगे पढ़ें पूरी जानकारी ।

New Delhi, Jun 05: साल 2021 का पहला सूर्यग्रहण अगले हफ्ते 10 जून को लग रहा है, यह ग्रहण ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को लग रहा है और इसी दिन शनि जयंती भी पड़ रही है । शास्‍त्र जानकारों के अनुसार इस बार का सूर्य ग्रहण कई मायनों में खास रहने वाला है, करीब 5 घंटे तक रहने वाला यह सूर्य ग्रहण दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा और शाम के 6 बजकर 41 मिनट पर खत्म होगा ।

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भारत में आंशिक सूर्य ग्रहण
इस बार ध्‍यान देने वाली बात ये कि 10 जून 2021 को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत के अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ हिस्सों में आंशिक रूप से दिखाई देगा । ये सूर्य ग्रहण उत्तर-पूर्वी अमेरिका, यूरोप, एशिया, अटलांटिक महासागर के उत्तरी हिस्से, ग्रीनलैंड, उत्तरी कनाडा और रूस में पूर्ण रूप से दिखाई देगा ।

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सूतक काल मान्‍य नहीं
चूंकि भारत में ये सूर्य ग्रहण आंशिक तौर पर दिखाई देगा इसलिए इस दौरान सूतक काल भी मान्य नहीं होगा और ना ही किसी तरह के कार्यों पर कोई पाबंदी होगी । सूतक, किसी भी ग्रहण से 12 घंटे पहले लग जाता है । सूतक काल का अर्थ है कि इस समय में कोई भुभ काम नहीं हो सकते, भगवान की पूजा भी नहीं होती ना ही खाना बनाया जाता है ।

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वृषभ राशि पर सबसे ज्‍यादा असर
सूर्य ग्रहण वैसे तो एक खगोलीय घटना है लेकिन भारत में धार्मिक रूप solar eclipseसे इसे शुभ नहीं माना जाता है । ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रहण भले ही आंशिक ग्रहण है लेकिन इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा । सबसे ज्यादा प्रभाव वृषभ राशि पर होने वाला है । ज्योतिष के मुताबिक, इस दिन चंद्रमा वृषभ राशि पर संचार करेगा, वृष राशि के जातकों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है । जानकारों के अनुसार इस राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, धन की हानि भी संभावी है । लिहाजा इस समय वृष राशि के जातक सब कुछ सोच-समझकर ही करें ।

ग्रहण के बुरे प्रभाव से कैसे बचें
ऐसा नहीं है कि ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचा नहीं जा सकता । शास्त्रों में ग्रहण के नकारात्‍मक प्रभाव से भी बचने के उपाय भी बताए गए हैं । ऐसा करने के लिए ग्रहण काल में महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें, सुंदरकांड का पाठ सुनें या करें । ग्रहण खत्म होने के बाद गंगाजल छिड़क कर घर को शुद्ध करें, साथ ही ग्रहण के बाद जरूरतमंदों को सामर्थ्‍यानुसार दान भी करें ।