रा’म पार्टी के अब्बास मंसूर इजरायल में कैसे बने किंगमेकर? नेतन्‍याहू का पत्‍ता कट

इजरायल में नेतन्‍यसहू का शासन अब लगभग खत्‍म हो गया है, नई सरकार और नए प्रधानमंत्री के स्‍वागत की पटकथा लिखी जा चुकी है । देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब …

New Delhi, Jun 05: इजरायल के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब एक इस्लामिक पार्टी और दक्षिणपंथी पार्टी सरकार बनाने के लिए एक साथ खड़े हुए हों । इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को सत्ता से बेदखल करने के मकसद से ऐसा हो रहा है । दरअसल इजरायल में नेतन्‍याहू बहुमत साबित कर पाने में सफल नहीं हो पाए हैं, ऐसे में अरब आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी यूनाइटेड अरब लिस्ट यानी रा’म के नेता मंसूर अब्बास ने दक्षिणपंथी नेफ्ताली बेनेट को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया है ।

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2023 तक नेफ्ताली रहेंगे पीएम
नेतन्याहू को संसद में बुधवार तक बहुमत साबित करना था, लेकिन उसके पहले ही येश एटिड पार्टी के नेता येर लेपिड ने राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन को बताया कि वो नई सरकार बनाने के लिए तैयार हैं, उनके पास समर्थन israel new pm (1) प्राप्‍त है । लेपिड ने बताया कि सरकार में यामिना पार्टी के नेफ्ताली बेनेट प्रधानमंत्री होंगे, गठबंधन समझौते के अनुसार  बेनेट सितंबर 2023 तक प्रधानमंत्री रहेंगे, इसके बाद लेपिड प्रधानमंत्री बनेंगे और नवंबर 2025 तक रहेंगे । खास बात ये है कि इस समझौते पर रा’म (Ra’am) पार्टी के नेता मंसूर अब्बास ने भी दस्‍तखत किए हुए हैं ।

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सरकार बनाने में अहम भूमिका
इजरायल में ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक गैर यहूदी पार्टी सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा बनने जा रही है । मंसूर अब्बास की रा’म पार्टी को चुनाव में महज चार सीटें हासिल हुई थीं, वह सबसे आखिरी पायदान पर थी ।israel new pm (1) बावजूद इसके सरकार बनाने में अब उनकी भूमिका अहम हो गई है । आपको बता दें, इजरायल में कई दशकों से अरब-इजरायली पार्टियां राजनीति के मामले में निर्णायक भूमिका से दूर रही हैं । यहूदी पार्टियां जहां उन्हें चरमपंथी करार देती हैं तो वहीं दूसरी तरफ अरब-इजरायली दलों में भी फिलिस्तीनियों का दमन करने वाली सरकार का हिस्सा बनने को लेकर असहजता बनी रहती थी।

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नेफ्ताली के साथ आए मंसूर
हालांकि अब पिछली सारी बातें भुलकाकर मंसूर अब्बास इजरायल के संभावित प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट के साथ खड़े हो गए हैं । आपको बता दें यामिना पार्टी के बेनेट को नेतन्याहू से भी ज्यादा दक्षिणपंथी माना जाता है, वो पूरे वेस्ट बैंक को इजरायल में मिलाने के हिमायती हैं । जबकि मंसूर की रा’म पार्टी की विचारधारा इससे बिलकुल अलग है, उनके सांसद फिलिस्तीन के समर्थक हैं । यहां तक कि पार्टी के चार्टर में भी फिलिस्तीनियों को उनके अधिकार लौटाने की बात कही गई है ।

क्‍या बोले अब्‍बास मंसूर?
पेशे से डेंटिस्ट रहे अब्बास मंसूर ने गठबंधन की नई सरकार से उम्‍मीद जताई है कि अरब नागरिकों के लिए हालात सुधरेंगे । अब्बास ने समझौते पर हस्‍ताक्षर के बाद कहा- “हमने इजरायल में राजनीतिक संतुलन साधने के लिए सरकार में शामिल होने का फैसला किया है।” पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, गठबंधन को लेकर हुए समझौते में अरब कस्बों में अपराध पर लगाम लगाने के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए जरूरी समझौते किए गए हैं । अब्बास ने कहा कि- जब सरकार हमारे समर्थन पर बन रही है, तो हम अरब समाज के लिए कई उपलब्धियां हासिल करने और सरकार के महत्वपूर्ण फैसले प्रभावित करने की स्थिति में भी होंगे । आपको बता दें अब्बास मंसूर गैलिली समुद्र के नजदीक माघर गांव से आते हैं, यहां द्रूज, मुस्लिम और ईसाई रहते हैं ।