स्वतंत्र देव और सुनील बंसल के साथ मीटिंग में ऐसा क्या हुआ, कि योगी ने पकड़ी दिल्ली की राह
सीएम योगी आदित्यनाथ की बुधवार देर रात लखनऊ में स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल के साथ मीटिंग हुई, इस बैठक के बारे में वैसे तो सरकार की ओर से कहा गया कि ये हर महीने होने वाली रुटीन बैठक थी।
New Delhi, Jun 10 : यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अचानक दिल्ली दौरे पर पहुंच गये हैं, रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम योगी दिल्ली में पहले गृह मंत्री अमित शाह और फिर शुक्रवार को पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे, लखनऊ के सत्ता के गलियारों में सीएम योगी आदित्यनाथ के दौरे को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं, इस यात्रा में सबसे अहम बुधवार देर रात की वो मीटिंग है, जिसमें सीएम के साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल शामिल हुए थे।
सीएम के साथ बैठक
रिपोर्ट के मुताबिक सीएम योगी आदित्यनाथ की बुधवार देर रात लखनऊ में स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल के साथ मीटिंग हुई, इस बैठक के बारे में वैसे तो सरकार की ओर से कहा गया कि ये हर महीने होने वाली रुटीन बैठक थी, लेकिन इस बैठक में शामिल होने के लिये सुनील बंसल अपने कार्यक्रम छोड़ हेलीकॉप्टर से लखनऊ पहुंचे थे, कहा ये जा रहा है कि ये मीटिंग और हाल के दिनों में सियासी कयासों के बारे में रिपोर्ट देने के लिये योगी दिल्ली गये हैं।
अटकलों का बाजार गर्म
इसके अलावा पिछले एक महीने के घटनाक्रम की बात करें, तो यूपी बीजेपी में तमाम सियासी अटकलों का बाजार गर्म है, बीजेपी तथा आरएसएस के बड़े नेताओं ने लखनऊ का दौरा किया, कैबिनेट विस्तार से लेकर संगठन में बदलाव तक की चर्चा चलती रही। हाल में ये भी कहा गया कि पीएम मोदी और योगी के बीच सबकुछ ठीक नहीं है, इसको बल तब मिला, जब कानपुर में एक सड़क हादसे में 17 लोग मारे गये, ऐसा पहली बार हुआ, जब पीएम मोदी ने घटना के बारे में यूपी के सीएम से पहले ट्वीट करके ना सिर्फ संवेदना जताई बल्कि पीएम फंड से पीडितों को मुआवजा देने का भी ऐलान किया, वो भी बिना योगी सरकार को टैग किये, इसके बाद आनन-फानन में रात में यूपी सरकार की ओर से ट्वीट किया गया।
इन मुद्दों पर हो सकती है बातचीत
संभावना इस बात की भी है, कि प्रदेश में हाल के दिनों में हुई चर्चाओं को लेकर सीएम योगी से बातचीत होनी है, योगी के दिल्ली दौरे को पंचायत चुनाव और आगे की चुनावी रणनीति पर चर्चा करने से जोड़कर भी देखा जा रहा है, एक वजह ये भी हो सकती है कि योगी ये समझना चाह रहे हों कि आखिरकार जितिन प्रसाद को शामिल करके पार्टी क्या रणनीति अपनाना चाहती है, सबसे खास बात ये है कि हाल के दिनों में ही बीएल संतोष यूपी के बारे में केन्द्र को रिपोर्ट सौंपी है, उसके बारे में भी बातचीत इस अचानक यात्रा का एजेंडा हो सकता है।