जिस ब्लॉक में पति है सफाईकर्मी, उसी में पत्नी बनी ब्लॉक प्रमुख, बीजेपी ने लगाया था दांव

सुनील पिछले कई सालों से बलियाखेड़ी ब्लॉक में सफाई कर्मचारी हैं, उनकी पत्नी सोनिया सामान्य गृहिणी हैं, बीए पास पत्नी को सुनील ने बीडीसी का चुनाव लड़वा दिया।

New Delhi, Jul 15 : सफाई कर्मचारी सुनील कुमार ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस बलियाखेड़ी ब्लॉक क्षेत्र में वो रोजाना सफाई का काम करते हैं, एक दिन उनकी धर्मपत्नी सोनिया वहीं की ब्लॉक प्रमुख बन जाएंगी, बीए पास सामान्य गृहिणी सोनिया अब बीजेपी से ब्लॉक प्रमुख का दायित्व संभालेंगी, शायद यही लोकतंत्र की खूबसूरती है, जहां कतार के अंतिम व्यक्ति को भी नेतृत्व का असर मिलता है, यही लोकतांत्रिक व्यवस्था की कामयाबी है।

Advertisement

सफाई कर्मचारी
सुनील पिछले कई सालों से बलियाखेड़ी ब्लॉक में सफाई कर्मचारी हैं, उनकी पत्नी सोनिया सामान्य गृहिणी हैं, बीए पास पत्नी को सुनील ने बीडीसी का चुनाव लड़वा दिया, चुनाव जीतने के बाद ब्लॉक प्रमुख पद के लिये मारामारी शुरु हुई, बीजेपी ने यहां आरक्षण के अनुसार अनुसूचित जाति की शिक्षित महिला की तलाश थी, बीजेपी नेता मुकेश चौधरी ने बीडीसी सोनिया के नाम का प्रस्ताव रखा, तो पार्टी ने मुहर लगा दी, अब सोनिया के पास बीजेपी का समर्थन था, रस्साकसी में विपक्षी एक-एक कर हटते गये, फिर सोनिया को बलियाखेड़ी का नया ब्लॉक प्रमुख निर्विरोध चुन लिया गया।

Advertisement

निर्विरोध जीती
गांव नल्हेड़ा गुर्जर निवासी सुनील कुमार विकासखंड बलियालखेड़ी में सफाईकर्मी के तौर पर अपने ही गांव में कार्यरत हैं, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव घोषित हुए तो बीडीसी की सीट आरक्षण के चलते अनुसूचित जाति वर्ग के लिये सुरक्षित हो गई, BJP Flags गांव वालों के कहने पर सुनील ने बीडीसी सदस्य के लिये अपनी पत्नी सोनिया को चुनाव लड़ाया, जिसमें उन्हें जीत मिली, ब्लॉक प्रमुख पद भी अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित हुआ, तो बीजेपी नेता और जिला पंचायत सदस्य मुकेश चौधरी ने पढी लिखी सोनिया को बीजेपी की ओर से प्रमुख पद का प्रत्याशी बनवा दिया, नामांकन करने के साथ ही 26 वर्षीय सोनिया निर्विरोध ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित हो गई।

Advertisement

सफाईकर्मी की नौकरी नहीं छोड़ेंगे
ब्लॉक प्रमुख सोनिया ने कहा कि चुनाव में पति सुनील कुमार और परिवार का सहयोग रहा है, उनका कहना है कि ब्लॉक प्रमुख के नाते वो गांवों के विकास के लिये काम करेंगी, लेकिन घर तो पति की तनख्वाह से ही चलता है, उनके पति ने फैसला लिया है कि वो नौकरी करते रहेंगे, प्रमुखी तो 5 साल की है, लेकिन नौकरी पूरे 60 साल की।