एक वजह से बनी Zomato 1 लाख करोड़ की कंपनी, आप भी जानिये सफलता की ये कहानी

फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के शेयर आज बीएसई पर 115 रुपये पर हैं, ये इश्यू प्राइस से 51.32 फीसदी यानी 39 रुपये ज्यादा है, जबकि एनएसई पर जोमैटो के शेयरों की लिस्टिंग 116 रुपये पर हुई है।

New Delhi, Jul 23 : जोमैटो से तो आप परिचित होंगे ही… जी हां वहीं जोमैटो ऐप्प, जहां से आर घर बैठे खाना ऑर्डर करते हैं, आज के समय में ज्यादातर लोग इसी फूड डिलीवरी ऐप्प पर निर्भर हो रहे हैं, एक मामूली सी कंपनी आज 1 लाख करोड़ की वैल्यू वाली कंपनी में तब्दील हो गई है, क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे सिर्फ एक वजह है, वो है आईडिया, जी हां, एक शानदार आईडिया, जिसने 10 साल पहले ही लोगों की जरुरत को परख लिया था, इस शानदार आइडिया के पीछे दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा का हाथ है। आइये आपके इनकी सक्सेस स्टोरी बताते हैं।

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जैमैटो आईपीओ की बाजार में लिस्टिंग
फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो के शेयर आज बीएसई पर 115 रुपये पर हैं, ये इश्यू प्राइस से 51.32 फीसदी यानी 39 रुपये ज्यादा है, जबकि एनएसई पर जोमैटो के शेयरों की लिस्टिंग 116 रुपये पर हुई है, लिस्टिंग के बाद जोमैटो के शेयरों में लगातार तेजी बनी हुई है, सुबह 10.07 बजे कंपनी के शेयर एनएसई पर 138.50 रुपये पर ट्रेड कर रहे थे, कंपनी के शेयरों काम मार्केट कैप 1 लाख रुपये से ज्यादा हो गया है, मार्केट कैप के लिहाज से ये भारत की 45वीं सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है।

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कैसे शुरु हुई थी जोमैटो
जोमैटो एक फूड एग्रीगेटर ऐप्प है, जिस पर आपके आस-पास के कई होटल्स या ढाबे के मेन्यू कार्ड होते हैं, इस कार्ड से आप अपने मुताबिक ऑर्डर कर सीधे अपने पते पर मंगवा सकते हैं, इसके अलावा बहुत समय बचेगा, क्योंकि ऐसा ना होने की परिस्थिति में आपको खुद बाहर निकलना पड़ता, आज इस ऐप्प के करोड़ों एक्टिव यूजर्स हैं, जोमैटो को शुरु करने का सबसे पहले आइडिया दीपिंदर गोयल और पंकज चड्ढा को साल 2008 में आया था, तब उन्होने एक रेस्तरां और फूड लिस्टिंग वेबसाइट के रुप में कंपनी शुरु की थी, जिसे फूडीबे कहा जाता है, आईआईटी दिल्ली के पासआउट दोनों संस्थापक की मुलाकात तब हुई, जब वो बैन कंसल्टिंग नाम एक फर्म में काम कर रहे थे।

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कैसे आया जोमैटो का ख्याल
जोमैटो को फाउंडर दीपिंदर गोयल अपने शुरुआती दिनों के पढाई में अच्छे नहीं थे, यही कारण है, कि वो 6ठीं और 11वीं में दो बार फेल हो चुके हैं, हालांकि बाद में गंभीरता से पढाई की, आईआईटी क्रैक किया, फिर आईआईटी दिल्ली से अपना इंजीनियरिंग पूरा किया, यहां से पढाई पूरी होने के बाद दीपिंदर ने 2006 में मैनेजमेंट कंसल्टिंग कंपनी बेन एंड कंपनी में नौकरी शुरु की, नौकरी के दौरान अपने सहकर्मियों को उन्होने लंच के दौरान कैफेटेरिया के मेन्यू कार्ड के लिये लंबी लाइनों में लगते देखा, जिसके बाद मन में विचार आया, उन्होने मेन्यू कार्ड को स्कैन कर साइट पर डाल दिया, जो बहुत लोकप्रिय हुआ, तब उन्होने अपने कुलीग पंकज चड्ढा से इस पर बात की।

कंपनी को मिलने लगी फंडिंग
एक समय जोमैटो सिर्फ अपनी वेबसाइट पर विज्ञापनों के माध्यम से राजस्व कमा रहा था, नवंबर 2013 तक सिकोइया कैपिटल इंडिया ने कंपनी के लिये 37 मिलियन डॉलर के फंडिंग राउंड का नेतृत्व किया था, तब दोनों निवेशकों सिकोइया और मौजूदा निवेशक इंफो एज ने जोमैटो को देखते हुए सिर्फ 150 मिलियन का मूल्यांकन किया था।