मुकेश सहनी की नाराजगी से बीजेपी को क्यों नहीं है डर, जानिये Inside Story
मुकेश सहनी ने 25 जुलाई को फूलन देवी शहादत दिवस मनाने का भी ऐलान किया था, वो चाहते थे कि यूपी के 18 शहरों में फूलन देवी की प्रतिमा स्थापित करें।
New Delhi, Jul 27 : विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी पिछले दो दिनों से बीजेपी के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किये हुए हैं, निषाद के बूते वो 2022 यूपी चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं, पिछले कुछ दिनों से वो लगातार यूपी का दौरा भी कर रहे हैं, दो दिन पहले वाराणसी भी गये थे, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने उन्हें एयरपोर्ट से बाहर तक निकलने नहीं दिया, यूपी की राजनीति में पैर पसारने की कोशिश कर रहे मुकेश सहनी लगातार निषाद पॉलिटिक्स कर रहे हैं।
फूलन देवी शहादत दिवस
मुकेश सहनी ने 25 जुलाई को फूलन देवी शहादत दिवस मनाने का भी ऐलान किया था, वो चाहते थे कि यूपी के 18 शहरों में फूलन देवी की प्रतिमा स्थापित करें, जब वो फूलन देवी की प्रतिमा को वाराणसी में स्थापित करने के मकसद से पहुंचे तो स्थानीय प्रशासन ने उन्हें एयरपोर्ट से बाहर तक निकलने नहीं दिया, फिर अगली फ्लाइट से वो कोलकाता रवाना हो गये।
योगी सरकार पर भड़के सहनी
मुकेश सहनी के सात जब यूपी की योगी सरकार ने ऐसा बर्ताव किया, तो वो आगबबूला हो गये, तब से ही वो लगातार बीजेपी को खरी-खोटी सुना रहे हैं, उन्होने ये भी ऐलान कर दिया, कि यूपी विधानसभा चुनाव में वीआईपी 165 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि उनका ये दांव उल्टा भी पड़ सकता है, क्योंकि उनके विधायक ही इससे नाराज हैं।
विधायक ही नाराज
सोमवार को बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन जब एनडीए की मीटिंग हुई, तो मुकेश सहनी ने इसका बहिष्कार कर दिया, अब ऐसा लग रहा है कि मुकेश सहनी जो बीजेपी और एनडीए के खिलाफ तल्ख रुख अख्यितार किये हैं, इसमें वो खुद ही फंसते जा रहे हैं, दरअसल वीआईपी के 4 विधायक हैं, इन्हीं में से एक राजू सिंह ने मुकेश सहनी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। उन्होने कहा कि एनडीए मीटिंग का बहिष्कार करना मुकेश सहनी का व्यक्तिगत फैसला था, इसके लिये उन्होने पार्टी विधायकों से कोई बात नहीं की थी, विधायक ने कहा कि एनडीए बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला गलत था, उस मंच पर मुकेश अपनी बात रख सकते थे, वीआईपी एक राजनीतिक पार्टी है ना कि प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, यहां सब की बात सुनी जानी चाहिये।