
चीन के खिलाफ भारत के समर्थन में सामने आया अमेरिका, कही बड़ी बात

आपको बता दें चीन विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता आया है । हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम सभी इसके कुछ हिस्सों का दावा करते हैं ।
New Delhi, Jul 28: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन दो दिन की भारत यात्रा पर हैं । मंगलवार देर शाम उनका विमान नई दिल्ली पहुंचा । अमेरिकी विदेश मंत्री की ये यात्रा भारत के लिए कई मायनों में अहम है । एंटनी ब्लिंकन के भारत पहुंचने पर अमेरिका की ओर से कहा गया कि वह भारत के एक प्रमुख वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने का समर्थन करता है । इसके साथ ही अमेरिका ने चीन के खिलाफ भारत के समर्थन पर बल दिया है ।
अमेरिकी विदेश विभाग का बयान
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका और भारत के बीच रक्षा सहयोग नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है । इसमें सूचना साझा करना, संपर्क अधिकारी और मालाबार जैसे जटिल अभ्यास शामिल हैं । अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान एंटनी ब्लिंकन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की । इस मुलाकात के दौरान कोविड-19 से निपटने के प्रयासों पर निरंतर सहयोग के साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, साझा क्षेत्रीय मुद्दों, सुरक्षा हितों, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और जलवायु संकट सहित कई मसलों पर बताचीत होगी ।
दोनों देश मिलकर कर रहे हैं काम
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका की ओर से जारी फैक्ट शीट के मुताबिक दोनों देश रक्षा, अप्रसार, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, आतंकवाद विरोधी मुहिम, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, ऊर्जा सहित राजनयिक, व्यापार और निवेश, शांति स्थापना, पर्यावरण, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कृषि, अंतरिक्ष, महासागर, आर्थिक और सुरक्षा मुद्दों पर एक दूसरे के सहयोगी के तौर पर काम करते हैं ।
चीन पर है अमेरिका की नजर
वहीं अमेरिका की ओर से कहा गया कि चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के मद्देनजर भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां क्षेत्र में एक स्वतंत्र, खुले और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं । चीनी सेना बीजिंग के प्रभाव को बढ़ाने के लिए रणनीतिक हिंद महासागर क्षेत्र पर भी सक्रिय रूप से नजर गड़ाए हुए है । आपको बता दें चीन विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता आया है । हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम सभी इसके कुछ हिस्सों का दावा करते हैं ।
अमेरिका है सख्त खिलाफ
दक्षिणी चीन सागर में चीन के दावे को अमेरिका खारिज करता रहा है । यही वजह है कि 2017 में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका ने मिलकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए ‘क्वाड’ को स्थापित करने के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को अमली जामा पहनाया । अमेरिका और भारत ने 2008 में एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे, जिसके बाद से भारत फुलब्राइट प्रोग्राम में पूर्ण भागीदार बन गया है । अमेरिका ने ये भी कहा कि दोनों देश अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सहयोग बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं । अमेरिका ने जनवरी 2021 में भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दो साल के कार्यकाल के लिए स्वागत भी किया ।