प्रत्युषा बनर्जी के केस के चक्कर में पेरेंट्स हुए कंगाल, पिता ने बयां किया दर्द, 5 साल बाद भी…

प्रत्युषा के पिता ने कहा, अब बात किस पर की जाए, हमारा तो सबकुछ लुट चुका है, उन्होने कहा कि जिस दिन हमने बेटी को खोया था, उसी दिन हमारा सबकुछ चला गया था।

New Delhi, Jul 30 : टीवी की चर्चित एक्ट्रेस प्रत्युषा बनर्जी की मौत आज भी पहेली बनी हुई है, घर-घर में आनंदी नाम से फेमस हुई प्रत्युषा 1 अप्रैल 2016 को दुनिया को अलविदा कह गई, प्रत्युषा का शव घर में पंखे से लटका मिला था, घटना की शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने इसे सुसाइड केस कहा था, लेकिन बेटी की मौत के 5 साल बाद भी उनके माता-पिता ये मानने को तैयार नहीं हैं, उन्हें आज भी लगता है कि उनकी बेटी की हत्या हुई है, बेटी को इंसाफ दिलाने के चक्कर में अब वो कंगाल हो गये हैं, आलम ये है कि कभी बड़े मकान में रहने वाले आज एक कमरे में अपना गुजारा कर रहे हैं।

Advertisement

मां-बाप की लाडली
मां-बाप के लिये अपने बच्चों से बढकर कुछ भी नहीं होता, प्रत्युषा बनर्जी भी पापा शंकर बनर्जी और मां सोमा बनर्जी की लाडली थी, सपनों का उड़ान देने के लिये जमशेदपुर से मुंबई पहुंची थी, लेकिन उड़ान भरने से पहले ही वो दुनिया से विदा हो गई, एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए शंकर बनर्जी ने अपने जीवन का सबसे बड़ा दर्द बयां किया है।

Advertisement

सबकुछ लुट चुका
प्रत्युषा के पिता ने कहा, अब बात किस पर की जाए, हमारा तो सबकुछ लुट चुका है, उन्होने कहा कि जिस दिन हमने बेटी को खोया था, उसी दिन हमारा सबकुछ चला गया था, इस हादसे के बाद ऐसा लगता है कि कोई भयंकर तूफान आया हो, हमारा सबकुछ लेकर चला गया हो, केस लड़ते-लड़ते हमने सबकुछ गंवा दिया है, हमारे पास एक रुपया नहीं बचा, कई बार कर्ज तक लेने की नौबत आ गई।

Advertisement

जिंदगी जैसे-तैसे कट रही
बेटी को याद कर उन्होने कहा कि प्रत्युषा के अलावा हमारा कोई नहीं था, उसी ने हमें अर्श तक पहुंचाया था, और उसके जाने के बाद अब फर्श पर लौट गये हैं, अब एक रुम में रहने को मजबूर हो गये हैं, जिंदगी जैसे-तैसे कट रही है। इतने दर्द के बाद भी हमने हौसला नहीं छोड़ा है, पैसे की कमी है, लेकिन हम हिम्मत नहीं हारे हैं, वैसे भी एक बाप कभी नहीं हारता है, मैं अपनी बेटी के लिये आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा, उन्होने न्यायपालिका पर भरोसा जताया और कहा कि मुझे उम्मीद है कि एक दिन मेरी बेटी को इंसाफ मिलेगा और हम जीतेंगे, शंकर बनर्जी ने बताया कि प्रत्युषा की मां चाइल्ड केयर सेंटर में काम करती हैं, वहीं मैं कुछ कहानियां लिखते रहते हैं। जिससे हमारा गुजारा होता है।