जदयू को मिल सकता है नया अध्यक्ष, रेस में दो नाम सबसे आगे, या नीतीश अपने फैसले से चौंकाएंगे
शुक्रवार को बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र खत्म होते ही सीएम नीतीश कुमार दिल्ली के लिये रवाना हो गये, आज दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक बुलाई गई है।
New Delhi, Jul 31 : बिहार में सत्ताधारी जदयू का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, इसका ऐलान आज हो सकता है, सवाल ये उठ रहा है कि आखिर मौजूदा अध्यक्ष आरसीपी सिंह के केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद पार्टी में ये जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी, मौजूदा स्थिति को देखें, तो इस पद की रेस में जो दो नाम सबसे आगे नजर आ रहे हैं, वो हैं जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा और पार्टी के दिग्गज नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, हालांकि नीतीश कुमार हमेशा अपने फैसलों से चौंकाते रहे हैं, ऐसे में इस बार उनकी रणनीति क्या होगी ये भी देखना दिलचस्प होगा।
जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज
शुक्रवार को बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र खत्म होते ही सीएम नीतीश कुमार दिल्ली के लिये रवाना हो गये, आज दिल्ली में जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक बुलाई गई है, कुशवाहा भी सीएम नीतीश के साथ दिल्ली पहुंचे हैं। रिपोर्ट के अनुसार जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शाम 4 बजे है, बताया गया है कि शनिवार की सुबह 11 बजे जदयू नेताओं के साथ नीतीश की मीटिंग होगी, उसके बाद 3 बजे सांसदों के साथ नीतीश एक बैठक को संबोधित करेंगे, फिर 4 बजे राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संगठन विस्तार और पार्टी को मजबूत करने की योजना के साथ-साथ अगले साल 5 राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर भी विस्तृत रुप से चर्चा की जाएगी।
आरसीपी सिंह दे सकते हैं इस्तीफा
जदयू सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह, जो मोदी कैबिनेट में इस्पात मंत्री का पद संभाल रहे हैं, आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में वो अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं, ऐसे में अगर नये राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की बात आती है, तो ये नीतीश कुमार पर निर्भर करेगा, कि वो किसे पार्टी की कमान सौंपते हैं, अगर किसी कारणवश शनिवार को जदयू के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाता है, तो वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
ये दो रेस में
7वीं बार बिहार की बागडोर संभालने वाले सीएम नीतीश कुमार विधानसभा चुनाव 2020 में अपनी पार्टी के प्रदर्शन से चिंतित हैं, 2010 में बिहार की नंबर वन पार्टी अब तीसरी नंबर की पार्टी बन गई है, नीतीश संगठन को मजबूत करने के लिये हरसंभव कदम उठा रहे हैं, ऐसे में जदयू अध्यक्ष को लेकर वो कोई जल्दबाजी भरा फैसला नहीं लेना चाहेंगे, सूत्रों के मुताबिक आरसीपी सिंह अगर अपने पद से हटते हैं, तो उपेन्द्र कुशवाहा इस पद की रेस में सबसे आगे बताये जा रहे हैं। उन्होने अपनी पार्टी रालोसपा का जदयू में विलय किया है, हालांकि जदयू के एक वर्ग का मानना है कि कुशवाहा का पार्टी का शीर्ष पद देना पुराने नेताओं के बीच अच्छा संदेश नहीं दिया जाएगा। वहीं आरसीपी सिंह के केन्द्रीय मंत्री बनने के बाद से नीतीश पर ये आरोप लग रहा है, कि वो अपनी जाति के ही व्यक्ति को मोदी कैबिनेट में शामिल कराकर लव-कुश समीकरण मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं, इससे पहले जब नीतीश ने जदयू अध्यक्ष पद छोड़ा था, इस समय भी उन्होने आरसीपी सिंह पर भरोसा जताते हुए पार्टी की बागडोर सौंपी थी, जदयू पर जाति आधारित राजनीति करने के आरोप भी नहीं लगे, इसलिये नीतीश भूमिहार नेता ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद सौंप सकते हैं, इस कदम के जरिये बिहार के सीएम एक साथ विरोधियों के साथ-साथ बिहार की जनता को कई संदेश दे सकते हैं।