यूपी चुनाव से पहले मोदी सरकार ने चलाया ब्रह्मास्त्र, विपक्ष भी साथ देने को मजबूर
कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इस विधेयक का समर्थन करने का ऐलान कर चुका है, ऐसे में सरकार को संविधान संशोधन पास कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
New Delhi, Aug 10 : 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने एक और राजनीतिक दांव खेला है, केन्द्र सरकार ने संसद में संविधान (127वां संशोधन) विधेयक पेश किया है, इस विधेयक के पास होने के बाद जहां राज्यों को एक बार फिर ओबीसी सूची में किसी जाति को अधिसूचित करने का अधिकार मिल जाएगा, इससे सरकार की पिछड़ों में पकड़ और मजबूत करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
समर्थन का ऐलान
कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इस विधेयक का समर्थन करने का ऐलान कर चुका है, ऐसे में सरकार को संविधान संशोधन पास कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी, इस विधेयक के पारित होने के बाद हरियाणा में जाट, महाराष्ट्र में मराठा, कर्नाटक में लिंगायत, गुजरात में पटेल को ओबीसी में शामिल करने का अधिकार राज्यों को मिल जाएगा, इसका सीधा असर प्रदेश की सियासत पर पड़ेगा, बीजेपी इसे वोट में बदलने की कोशिश करेगी।
दूसरा बड़ा फैसला
अन्य पिछड़ा वर्ग को लेकर मोदी सरकार का ये दूसरा बड़ा फैसला है, इससे पहले सरकार ने मेडिकल के केन्द्रीय कोटे में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया था। आपको बता दें कि यूपी में अगले साल शुरुआत में विधानसभा चुनाव है, यादव को छोड़ दूसरी पिछड़ी जातियां बीजेपी की वोटर मानी जाती है, 2017 चुनाव में बड़ी तादात ने ओबीसी ने बीजेपी को वोट किया था, इसलिये बीजेपी अपना जनाधार मजबूत कर रही है, यूपी में सपा और बसपा दोनों की नजर पिछड़ा वर्ग पर है, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पिछड़ा वर्ग सम्मेलन कर ओबीसी वोटरों का भरोसा जीतने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं बसपा ने ओबीसी जनगणना की मांग कर अपने इरादे साफ कर दिये हैं, ऐसे में ओबीसी बीजेपी से छिटकता है, तो चुनावी गणित गड़बड़ा सकता है, इसलिये बीजेपी अपना वोट बैंक दुरुस्त करने के लिये ये चाल चल दी है।
विपक्ष भी साथ
लोकसभा में पेगासस मुद्दे पर सरकार तथा विपक्ष में जारी गतिरोध के बीच सरकार ने सोमवार को हंगामे के बीच तीन विधेयकों को पारित कराया है, तीनों विधेयकों को पेश किया गया, अन्य पिछड़ा वर्ग संविधान संशोधन विधेयक पर सरकार और विपक्ष की मोटी सहमति नजर आई, दोनों इस पर साथ दिखे, इस विधेयक को सोमवार को सदन में पेश किया गया, जिसे मंगलवार को चर्चा कर पारित कराया जाएगा, इस विधेयक को पेश किये जाने के समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी सदन में मौजूद रही।