अफगानिस्तान को इंच-इंच कब्जा रहे तालिबान ने दिखाया असली चेहरा, भारत को खुली चेतावनी
तालिबान की ओर से भारत को चेतावनी दी गई है, अफगानिस्तान में तालीबानी राजधानी काबुल के करीब पहुंच गए हैं । देश की हालत खराब होती जा रही है ।
New Delhi, Aug 14: अफगानिस्तान को तेजी से अपने कब्जे में ले रहे तालिबान ने अब भारत को खुली चेतावनी दी है । इस विद्रोही संगठन ने स्पष्ट शब्दों में अपने मंसूबे जाहिर कर दिए हैं । तालीबान के प्रवक्ता ने साफ कहा कि भारत को अफगानिस्तान में सैन्य मौजूदगी से बचना चाहिए । पिछले कुछ दिनों में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस समेत कई देश अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात पर चर्चा कर रहे हैं, अपने नागरिकों को वहां से निकालने की कोशिश भी शुरू कर चुके हैं । वहीं भारत ने भी अपने नागरिकों को जल्द से जल्द अफगानिस्तान से निकलने की सलाह दी है ।
भारत सेना भेजने का सोचे भी नहीं …
तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि भारत अगर अफगानिस्तान में सैन्य दखल देता है और यहां उसकी उपस्थिति होती है, तो यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा । तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान में दूसरे देशों के सैन्य उपस्थिति की हालत देखी, तो यह उनके लिए एक खुली किताब है । तालिबान अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर अपना कब्जा कर चुका है। बताया गया कि देश की 34 प्रांतीय राजधानियों को तालिबान अपने काबू में ले चुका है ।
सुहैल शाहीन ने दी चेतावनी
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने अपनी बात कही, अज्ञैर भरत को चेताया । शाहीन ने कहा- अगर वे अफगानिस्तान में सैन्य दखल देते हैं, तो मुझे नहीं लगता कि यह उनके लिए अच्छा होगा । उन्होंने अफगानिस्तान में दूसरे देशों की सैन्य मौजूदगी का भाग्य देखा है । यह उनके लिए खुली किताब है। शाहीन ने आगे कहा कि अफगान के लोगों या राष्ट्रीय परियोजनाओं को लेकर उनकी (भारत की) मदद, मुझे लगता है कि तारीफ के काबिल है । डैम, नेशनल प्रोजेक्ट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और कुछ भी जो अफगानिस्तान के विकास, इसके दोबारा निर्माण, आर्थिक समृद्धि और अफगानिस्तान के लोगों के लिए किए गए कामों की सराहना करते हैं।
अन्य धर्मों की सुरक्षा करेंगे
वहीं अफगानिस्तान में हिंदू और सिख समुदाय की सुरक्षा और पक्तिया प्रांत में हुए गुरुद्वारा वाले मामले पर भी सुहैल शाहीन ने बताया कि, वहां पर झंडा सिख समुदाय ने खुद हटाया था । जब मीडिया में खबरें आई थीं, तो हमने पक्तिया प्रांत में अपने अधिकारियों से बात की और उन्हें इसके बारे में बताया । इसके बाद हमारे सुरक्षा बलों ने गुरुद्वारा पहुंचकर परेशानी के बारे में पूछा। उन्होंने कहा है कि समुदाय अपने धार्मिक कार्यक्रम कर सकता है।