चुनाव से पहले योगी आदित्यनाथ का धमाकेदार फैसला, सपा-बसपा-कांग्रेस में खलबली

सीएम योगी ने स्पष्ट शब्दों में अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बिजली बिल बकाया होने के कारण एक भी किसान का कनेक्शन कतई ना काटा जाए, इसके साथ ही किसानों को आश्वस्त करते हुए उन्होने कहा कि बिजली बिल बकाये पर किसान को ब्याज ना देना पड़े।

New Delhi, Aug 26 : यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी का पूरा फोकस अब किसानों को साधने में है, इसे देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने किसानों की मन मांगी मुराद पूरी कर दी है, बड़ी घोषणा करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, कि फसल के अवशेष को जलाने के कारण किसानों पर जो मुकदमे दर्ज हुए हैं, सरकार उसे वापस लेगी, उन पर लगा जुर्माना भी माफ होगी, सीएम ने ये भी कहा कि 2010 से बकाया रहे गन्ना मूल्य भुगतान को पूरा करने के बाद अब सरकार गन्ना मूल्य में बढोतरी करने जा रही है, सभी संबंधित पक्षों से विमर्श कर बहुत जल्द इस बारे में घोषणा की जाएगी।

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बिजली कनेक्शन
सीएम योगी ने स्पष्ट शब्दों में अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बिजली बिल बकाया होने के कारण एक भी किसान का कनेक्शन कतई ना काटा जाए, इसके साथ ही किसानों को आश्वस्त करते हुए उन्होने कहा कि बिजली बिल बकाये पर किसान को ब्याज ना देना पड़े, इसके लिये ओटीएस स्कीम भी लाई जाएगी। सीएम योगी ने ये बड़े ऐलान बुधवार को सीएम आवास पर किसानों से संवाद के दौरान किये, प्रदेश की विभिन्न जिलों से आये प्रगतिशील किसानों से मुखातिब सीएम ने कहा कि किसान का पसीना बहता है, तो फसल लहलहाती है, जाड़ा हो, गर्मी या फिर बरसात, किसान लगातार अपने खेत में लगा रहता है, यही वजह है कि किसान को अन्नदाता कहा गया है।

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किसानों की दशा
सीएम योगी ने कहा कि राजनीतिक दलों के एजेंडे में भले ही लंबे समय से किसान रहा हो, लेकिन कभी उनकी सुध नहीं ली गई, इस लिहाज से 2014 ऐतिहासिक रहा, जब पीएम मोदी की सरकार आई, farmer और किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया, सिलसिलेवार ढंग से किसान हितैषी नीतियों का उल्लेख करते हुए योगी ने कहा कि किसान सम्मान निधि, फसल सिंचाई स्वायल हेल्थ कार्ड जैसे अनूठे प्रयासों ने खेती और किसानों की दशा ही बदलकर रख दी।

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किसानों की सरकार
योगी ने कहा ये सरकार किसानों की है, खेत से खलिहान तक और बीज से बाजार तक, किसानों को जहां भी जरुरत होगी, सरकार साथ खड़ी है, नये पेराई सत्र के शुभारंभ की तिथि तय करते समय सीएम ने कहा, कि किसानों की मांग पर पश्चिम क्षेत्र में 20 अक्टूबर से चीनी मिलें प्रारंभ हो जाएंगी, जबकि मध्य क्षेत्र में 25 अक्टूबर से मिलें चलेंगी, इस तरह पूर्वी क्षेत्र की मिलें नवंबर के पहले हफ्ते में शुरु होगी।