गोरखपुर नहीं बल्कि इस सीट से चुनाव लड़ सकते हैं सीएम योगी, मौर्य और दिनेश शर्मा भी लड़ेंगे चुनाव
बीजेपी ने अपने तमाम दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारकर आसपास की सीटों को सियासी तौर पर प्रभावित करने की रणनीति बनाई है।
New Delhi, Aug 26 : यूपी विधानसभा चुनाव में अब चंद महीने का समय बचा है, बीजेपी ने सूबे की सत्ता में बने रहने के लिये इस बार साढे तीन सौ सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये पार्टी की ओर से रणनीति बनाई जा रही है, ऐसे में बीजेपी ने अपने तमाम दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान में उतारकर आसपास की सीटों को सियासी तौर पर प्रभावित करने की रणनीति बनाई है।
अयोध्या से योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ 2022 विधानसभा चुनाव में अयोध्या सीट से ताल ठोक सकते हैं, अगर यहां से किसी कारणवश चुनाव नहीं लड़ पाते हैं, तो दूसरी सीट गोरखपुर हो सकती है, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा, कि योगी आदित्यनाथ अयोध्या और गोरखपुर में से किस सीट से चुनाव के लिये ताल ठोकते हैं। योगी सीएम बनने से पहले गोरखपुर से लगातार 5 बार सांसद रहे हैं, तथा गोरक्षनाथ मंदिर के महंत भी हैं। वहीं अयोध्या से बीजेपी के मौजूदा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता कह भी चुके हैं, ये मेरा सौभाग्य होगा कि मेरी सीट से खुद सीएम योगी चुनाव लड़ेंगे, मैं खुशी-खुशी सीट छोड़ने को तैयार हूं।
केशव प्रसाद मौर्य
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौरय कौशाम्बी के सिराथू विधानसभा से किस्मत आजमा सकते हैं, मौर्य सिराथू के ही रहने वाले हैं, यहां की जनता ने 2012 विधानसभा चुनाव में उन्हें पहली बार जिताकर विधानसभा भेजा था, फिर 2014 में फूलपुर से सांसद बन गये, इसके बाद 2017 में बीजेपी ने उनकी अगुवाई में विधानसभा चुनाव जीता, तो सूबे में डिप्टी सीएम बने, बाद में एमएलसी बन गये हैं।
दिनेश शर्मा
योगी सरकार में दूसरे डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा लखनऊ पश्चिमी विधानसभा सीट या लखनऊ कैंट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं, डिप्टी सीएम बनने से पहले दिनेश शर्मा लखनऊ के मेयर थे, ऐसे में उनका सियासी प्रभाव राजधानी में है, 2017 विधानसभा चुनाव में शर्मा बीजेपी को जिताने की अहम भूमिका निभाने वाले नेताओं में शामिल थे, जिसकी वजह से सत्ता आने पर उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया था।
स्वतंत्रदेव सिंह
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह वैसे तो पार्टी को चुनाव लड़ाने का काम करेंगे, लेकिन फिर भी एक सुरक्षित सीट की तलाश की जा रही है, माना जा रहा है कि बुंदेलखंड में किसी सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं, जिसके लिये कालपी सबसे बेहतर विकल्प माना जा रहा है, इसके साथ ही दूसरी सीट माधौगढ, कानपुर देहात की भोगनीपुर और झांसी भी इस सूची में शामिल है, जहां से उनके चुनाव लड़ने की संभावना तलाशी जा रही है।