तालिबान की ‘खूंखार’ कैबिनेट! ग्वांतनामो जेल में 6 साल तक कैद रहा जो आतंकी उसे सौंपा रक्षा विभाग

अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अब तालिबान अपनी नई सरकार पर काम कर रहा है, आतंकियों ने अपनी नई कैबिनेट के मंत्री भी चुन लिए हैं । आगे पढ़ें विस्‍तार से ।

New Delhi, Aug 26: अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अब तालिबानी सरकार बनाने की तैयारी कर रहे हैं । महिलाओं के पासटर रंगने, मासूम बच्चियों को अगवा करने, जींस पहनने पर छात्रों को कोड़े मारने वाले तालिबानियों ने सरकार गठन की ओर पहला कदम बढ़ाते हुए अंतरिम रक्षा मंत्री और गृह मंत्री बना दिए हैं । तालिबान ने खूंखार आतंकी मुल्ला अब्दुल कय्यूम जाकिर को अफगानिस्तान की रक्षा की कमान सौंपी है । जाकिर को अंतरिम रक्षा मंत्री बनाया गया है । कतर के न्‍यूज चैनल अल जजीरा न्यूज ने तालिबान सूत्रों के हवाले से ये रिपोर्ट दी है ।

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6 साल जेल में रहा है तालिबान का ये रक्षा मंत्री
मुल्ला अब्दुल कय्यूम जाकिर तालिबान का खूंखार कमांडर रहा है । जाकिर,  तालिबान taliban (4)के संस्थापक मुल्ला उमर का भी करीबी बताया जाता है । न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर के अनुसार अमेरिकी नेतृत्व वाली सेना ने मुल्ला अब्दुल को 2001 में गिरफ्तार कर लिया था, इसे 2007 तक ग्वांतनामो बे में रखा गया था । इसके बाद उसे अफगानिस्तान सरकार को सौंप दिया गया । ग्वांतनामो खाड़ी अमेरिकी सेना की एक हाई सिक्योरिटी जेल है, जो क्यूबा में बनाई गई है । इस जेल में खूंखार और हाई प्रोफाइल आतंकी हिरासत में रखे  जाते हैं ।

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बैंकों में भी हो रही आतंकियों की नियुक्ति
काबुल पर कब्जा किए हुए तालिबानियों को करीब 10 दिन बीत चुके हैं, अभी तक तालिबान दुनिया का समर्थन जुटाने में नाकामयाब रहा है । देश में कई अहम पदों पर उसने तालिबानी नेताओं की नियुक्ति करनी शुरू कर दी है, जिसमें बैंकों में भी नियुक्ति की जा रही हैं । हाजी मोहम्मद इदरिस को अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक द अफगानिस्तान बैंक (DAB) का कार्यकारी प्रमुख नियुक्त कर दिया गया है, वहीं तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने भी इस बात की पुष्टी की है ।

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वित्‍त मंत्री बना ये तालिबानी
अफगानिस्तानी समाचार एजेंसी पाझवोक की ओर से बताया गया है किtataliban तालिबान ने गुल आगा को देश का कार्यवाहक वित्त मंत्री और सदर इब्राहिमको कार्यवाहक आंतरिक मंत्री नियुक्त किया है । गौरतलब है कि तालिबान के आते ही पूरे देश में अफरा-तफरी का माहौल है । पहले की सरकारों से जुड़े कई सीनियर अधिकारी या तो अफगानिस्तान छोड़कर चले गए हैं या फिर हत्‍या के डर से छिपे हुए हैं ।