पत्नी के लिए IAS ने छोड़ दी DM की कुर्सी, फिर ऐसी पलटी किस्मत कि दोनों बन गए जिला मजिस्ट्रेट
आईएएस दंपति स्वाति भदौरिया और नितिन भदौरिया की दिलचस्प कहानी आगे जानें, पढ़ें कैसे एक पति ने अपनी पत्नी के लिए प्रशासनिक पद का त्याग किया । लेकिन फिर किस्मत ने बाजी पलट दी ।
New Delhi, Aug 31: आईएएस अधिकारी स्वाति एस भदौरिया और उनके पति नितिन भदौरिया जो कि खुद एक चर्चित आईएएस अधिकारी है, अकसर चर्चा में रहते हैं । ये कपल अपनी सादगी और प्रतिभा की वजह से जाना जाता है । इन दोनों की कहानी भी बहुत ही खास है । आपको जानकार हैरानी होगी कि स्वाति के आईएएस पति नितिन भदौरिया ने पत्नी के लिए डीएम का पद छोड़ दिया था । लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था, आज ये दोनों जिला मजिस्ट्रेट हैं ।
बीटेक के बाद आरबीआई में मिला मौका
यूपीएससी पाठशाला, वेब पोर्टल की एक रिपोर्ट के अनुसार यूपी के गोरखपुर की रहने वाली स्वाति भदौरिया ने लखनऊ के आईआईटी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक ऑनर्स किया है । बीटेक के बाद उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक में काम करने का अवसर मिला, लेकिन वो तो आईएएस बनना चाहती थीं । इसके लिए उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी जारी रखी । स्वाति अपनी पहली कोशिश में यूपीएससी परीक्षा पास करने से चूक गईं थीं ।
2012 बैच से हैं स्वाति
स्वाति निराश नहीं हुई, 2012 की परीक्षा में वो फिर बैठीं । उन्होंने ऑल इंडिया में 74वीं रैंक हासिल कीं और फिर छत्तीसगढ़ कैडर की आईएएस अफसर बनीं । आईएएस बनने के बाद स्वाति श्रीवास्तव की शादी आईएएस नितिन भदौरिया से हुई, नितिन भदौरिया 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं । उनकी पोस्टिंग उत्तराखंड में हैं । शादी के बाद स्वाति भी साल 2015 में उत्तराखंड चली गईं थीं ।
पत्नी के लिए पति ने छोड़ा DM पद
सबसे दिलचस्प बात ये कि साल 2016 में जब नितिन भदौरिया को पिथौरागढ़ के के डीएम पद का चार्ज मिला, तो उन्होंने पत्नी के लिए इसे छोड़ दिया था । जिसके बाद उन्हें सीडीओ पद दिया गया । नितिन के मुताबिक तब उनकी पत्नी प्रेग्नेंट थीं और और वह ऐसे समय में उनसे दूर नहीं जाना चाहते थे । इसके बाद साल 2018 में दोनों को डीएम पद का चार्ज मिल गया । स्वाति, चमोली की जिलाधिकारी बनाई गईं, जबकि नितिन ने अल्मोड़ा का पदभार संभाला । ये दोनों तब चर्चा में आए थे जब इन्होंने अपने बेटे का एडमिशन प्राइवेट स्कूल की जगह आंगनबाड़ी में कराया था। बेटे का दाखिला कराने के लिए स्वाति भदौरिया खुद आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचीं थीं।