कौन है मुल्ला हसन अखुंद, जिसे बरादर की बजाय मिल सकती है तालिबानी सरकार की कमान
मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद मौजूदा समय में तालिबान के शक्तिशाली फैसले लेने वाले बॉडी रहबारी शूरा या नेतृत्व परिषद के प्रमुख हैं, वो तालिबान की जन्मस्थली कंधार से ताल्लुक रखते हैं।
New Delhi, Sep 07 : अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने नई सरकार गठन की प्रक्रिया तेज कर दी है, माना जा रहा है कि गुरुवार तक तालिबान नई सरकार की तस्वीर दुनिया के सामने पेश कर देगा, अब तक सरकार के प्रमुख के तौर पर तालिबान में नंबर दो की हैसियत रखने वाले मुल्ला अब्दुल गनी बरादर का नाम सामने आ रहा था, लेकिन अब कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि मुल्ला हसन अखुंद को तालिबान सरकार की कमान सौंपी जा सकती है।
नया प्रमुख
द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक हिबतुल्ला अखुंजादा नवे खुद मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को रईस-ए-जम्हूर, रईस-उल-वजारा या अफगानिस्तान के नये प्रमुख के रुप में प्रस्तावित किया है, कई तालिबानी नेताओं से बात करने के दौरान सभी ने मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद के नाम पर सहमति बनाये जाने का दावा किया है।
शक्तिशाली फैसला
मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद मौजूदा समय में तालिबान के शक्तिशाली फैसले लेने वाले बॉडी रहबारी शूरा या नेतृत्व परिषद के प्रमुख हैं, वो तालिबान की जन्मस्थली कंधार से ताल्लुक रखते हैं, अखुंद तालिबान मूवमेंट के संस्थापकों में से एक हैं। रिपोर्ट के अनुसार अखुंद ने 20 सालों तक रहबारी शूरा के प्रमुख के रुप में काम किया, इस दौरान तालिबान में खुद की बहुत अच्छी प्रतिष्ठा बनाई, अखुंद मिलिट्री बैकग्राउंड के बजाय धार्मिक बैकग्राउंड से हैं, वो अपने चरित्र और धार्मिकता के लिये जाने जाते हैं।
महत्वपूर्ण पदों पर काम
तालिबान के अनुसार मुल्ला हसन अखुंद 20 साल तक हैबतुल्ला अखुंजादा का करीबी रहे, उसने अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान महत्वपूर्ण पदों पर काम भी किया, जब मुल्ला मोहम्मद रब्बानी अखुंद पीएम बना, तो मुल्ला हसन विदेश मंत्री थे, बाद में उप प्रधानमंत्री बनाये गये।