सचिन पायलट को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी? राहुल गांधी के ट्वीट के निकाले जा रहे कई मायने
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक सचिन पायलट को काफी लंबे समय से पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चा हो रही है, हालांकि पायलट खेमा ने जो शर्ते पार्टी के सामने रखी थी, उनका अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है।
New Delhi, Sep 08 : राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट आज अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं, पायलट के जन्मदिन पर कई नेताओं ने उन्हें बधाई दी है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा सोशल मीडिया पर राहुल गांधी द्वारा दिये गये बधाई की हो रही है, राहुल ने सचिन के लिये एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होने बधाई देते हुए आने वाले साल शुभ होने की कामना की है, अब सियासी गलियारों में इस बधाई संदेश के कई मायने निकाले जा रहे हैं, माना जा रहा है कि इस संदेश के जरिये राहुल गांधी ने सचिन पायलट को आने वाले समय में बड़ी जिम्मेदारी मिलने के संकेत दिये हैं, राहुल के इस छोटे से बधाई संदेश ने सूबे का सियासी पारा चढा दिया है।
बड़ी जिम्मेदारी की चर्चा
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक सचिन पायलट को काफी लंबे समय से पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चा हो रही है, हालांकि पायलट खेमा ने जो शर्ते पार्टी के सामने रखी थी, उनका अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है, कुछ दिन पहले मीडिया में चर्चा करते हुए उन्होने कहा था कि किसे क्या बनना है, ये हाईकमान तय करता है, हम अजय माकन और सीनियर नेताओं के संपर्क में हैं, राहुल गांधी के बधाई संदेश के बाद अब कयास लगाये जा रहे हैं कि जल्द ही पायलट को गिफ्ट मिल सकता है।
बधाई देने पहुंचे कई नेता
सचिन पायलट के जन्मदिन पर समर्थकों के अलावा बीटीपी विधायक राजकुमार रौत और विधायक ओम प्रकास हुड़ला ने भी उन्हें बधाई दी है, सीएम अशोक गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के अलावा बीजेपी और कांग्रेस के कई नेताओं ने सोशल मीडिया के जरिये उन्हें शुभकामनाएं दी है।
दूरी खत्म करने की कोशिश में गहलोत
सचिन पायलट के जन्मदिन के मौके पर सीएम अशोक गहलोत ने भी उन्हें बधाई दी है, अंदरुनी उठापटक से जूझ रही कांग्रेस में इस बधाई संदेश के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं, माना जा रहा है कि सीएम अशोक गहलोत भी अब सचिन पायलट से दूरी खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं, जानकारों की मानें तो जन्मदिन पर बधाई संदेश के सिलसिले से पायलट खेमे की नाराजगी खत्म कर पार्टी को मजबूत करने की तरफ ये कदम उठाया गया है।