जानें, एक चपरासी कैसे बना Fevicol कंपनी का मालिक, अरबों में खेल रहा है आज परिवार

क्‍या आप जानते हैं भारत के मशहूर ब्रांड Fevicol के मालिक बलवंत पारेख कभी चपरासी का काम किया करते थे, नौकरी के लिए दर-दर भटकते थे । Fevicol कंपनी की सफलता की कहानी प्रेरणादायक है ।

New Delhi, Sep 14: फेविकोल ब्रांड अपने बेहतरीन प्रोडक्‍ट के लिए तो जाना ही जाता है, साथ ही अपने विज्ञापनों के लिए भी चर्चा में रहता है । फेविकोल के विज्ञापन सबसे ज्‍यादा पसंद किए जाने विज्ञापन रहे हैं, बिना प्रोडक्‍ट का नाम लिए रोचक तरीके से इन्‍हें बनाया जाता रहा है । इस कंपनी के मालिक बलवंत पारेख का सफलता का सफर भी बड़ा रोचक रहा है । कभी चपरासी का काम करने वाले पारेख का परिवार आज अरबों में खेलता है, लेकिन उनके लिए ये सफर आसान नहीं था ।

Advertisement

भारत छोड़ो आंदोलन का रहे हिस्‍सा
बलवंत पारेख गुजरात में जन्‍मे हैं, उनका परिवार उन्‍हें वकील बनाना चाहता था ।fevicol owner balwant parekh (4)शुरुआती पढ़ाई के बाद वह वकालत पढ़ने के लिए मुंबई आ गए, यहां महात्मा गांधी के प्रभाव में रहे । वकालत तो की लेकिन वकील नहीं बने, बल्कि भारत छोड़ो आंदोलन का हिस्‍सा बन गए । इस दौरान शादी भी हुई, लेकिन परिस्थितयों को देखते हुए प्रिंटिग प्रेस में नौकरी कर ली । इसके बाद उन्‍होंने एक लकड़ी व्यापारी के ऑफिस में चपरासी की भी नौकरी की ।

Advertisement

जर्मनी जाने का मिला मौका, वहीं मिला आइडिया
लकड़ी के व्‍यापार में काम करते हुए उन्‍होंने लकड़ी के काम को काफी गौर से देखा । fevicol owner balwant parekh (2)इस दौरान उन्हें जर्मनी जाने का मौका लगा, वहां से लौटे तो फिर नौकरी की जग व्‍यापार में लग गए । ये दौर देश में आजादी का समय था, लोगों में देसी सामान को लेकर क्रेज था । बलवंत को अपने चपरासी वाले काम के दिन याद थे, जब लकड़ी के काम करने वाले लोगों के लिए उसे जोड़ने में काफी मेहनत करनी पड़ती थी । तब जानवर के चमड़े की गोंद आया करती थी, जिसे गर्म करके चिपकाते थे । इसमें से बहुत बदबू आती थी । तब बलवंत के दिमाग में सिंथेटिक ग्लू का आइडिया आया, और यहीं से फेविकॉल को जन्म हुआ । ये नाम जर्मन शब्‍द से ही इंस्‍पायर था ।

Advertisement

1959 में पिडिलाइट की हुई शुरुआत
इसके बाद बलवंत पारेख ने अपने भाई के साथ मिलकर साल 1959 में पिडिलाइट fevicol owner balwant parekh (1) कंपनी की शुरुआत की । इस कंपनी ने ही फेविकोल बनाना शुरू किया । बस, इसके बाद कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा । अब कंपनी फेविकोल से लेकर फेविक्विक तक बना रही है, इसके अलावा कंपनी एमसील जैसे कई प्रोडक्ट भी मॉर्केट में लाई है । कंपनी का रेवेन्यू आज हजारों करोड़ों तक पहुंच गया है ।