तालिबान सरकार में पड़ी फूट, हक्कानी से कहासुनी के बाद बरादर ने छोड़ा काबुल

एक वरिष्ठ तालिबानी नेता के हवाले से बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि काबुल के राष्ट्रपति कार्यालय में अंतरिम कैबिनेट को लेकर दोनों नेताओं के बीच बहस हुई थी।

New Delhi, Sep 15 : अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनते ही आपसी रार शुरु हो चुकी है, तालिबान सरकार में डिप्टी पीएम बनाये गये मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के हक्कानी नेटवर्क से मतभेद के बाद काबुल छोड़ने की खबर है, पिछले सप्ताह राष्ट्रपति भवन में बरादर और हक्कानी नेटवर्क के नेता खलील-उर-रहमान के बीच कहासुनी हो गई, जिसके बाद दोनों के समर्थक आपस में ही भिड़ गये, खलील उर रहमान तालिबान सरकार में शरणार्थी मंत्री हैं।

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दोनों के बीच बहस
एक वरिष्ठ तालिबानी नेता के हवाले से बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि काबुल के राष्ट्रपति कार्यालय में अंतरिम कैबिनेट को लेकर दोनों नेताओं के बीच बहस हुई थी, Taliban akhund 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही अलग-अलग समूहों के बीच नेतृत्व तथा सरकार गठन को लेकर संघर्ष रहा है, काफी गतिरोध के बाद अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा हो पाई है।

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हक्कानी नेटवर्क का विरोध
तालिबान की राजनीतिक ईकाई की ओर से सरकार में हक्कानी नेटवर्क को तरजीह दिये जाने का विरोध किया जा रहा है, वहीं हक्कानी नेटवर्क खुद को तालिबान की सबसे फाइटर यूनिट मानता है, बरादर के धड़े का मानना है कि Taliban Afghanistan America (3) उनकी कूटनीति के कारण तालिबान को अफगानिस्तान में सत्ता मिली है, जबकि हक्कानी नेटवर्क के लोगों को लगता है कि अफगानिस्तान में जीत लड़ाई के दम पर मिली है।

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अगुवा के तौर
आपको बता दें कि दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच हुई कई दौर की बातचीत में अब्दुल गनी बरादर अगुवा के तौर पर थे, ऐसे में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का वो क्रेडिट लेते रहे हैं, Taliban kabza pankshir वहीं हक्कानी नेटवर्क को तालिबानियों में सबसे खूंखार माना जाता है, जो पाक की सेना से करीबी संबंध रखता है।