पंजाब चुनाव से पहले निकलेगा किसान आंदोलन का हल? इशारों में बड़े संकेत दे गये कैप्टन अमरिंदर सिंह

अगर किसान आंदोलन का कोई हल निकलता है, तो इससे बीजेपी के साथ-साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी फायदा हो सकता है, इस मामले पर ही दोनों के आगे की राजनीति टिकी हुई है।

New Delhi, Oct 20 : पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते ही कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अब पार्टी को दोहरा झटका देने की तैयारी कर ली है, कैप्टन ने मंगलवार को नई पार्टी बनाने का ऐलान किया, साथ ही किसान आंदोलन का हल निकलने की सूरत में बीजेपी संग गठबंधन की भी बात कही है। फिलहाल किसान आंदोलन जिस जटिल मोड़ पर पहुंच चुका है, उसका कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है, लेकिन कैप्टन ने अपने बयान से ये संकेत जरुर दे दिये हैं कि केन्द्र सरकार उनसे मशविरा लेकर अंदरखाने किसान आंदोलन खत्म कराने की कोशिश कर रही है।

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दोनों का फायदा
अगर किसान आंदोलन का कोई हल निकलता है, तो इससे बीजेपी के साथ-साथ कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी फायदा हो सकता है, amarinder singh1 इस मामले पर ही दोनों के आगे की राजनीति टिकी हुई है, किसान आंदोलन यदि इसी तरह जारी रहता है, तो फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिये बीजेपी के साथ जाना रिस्की हो सकता है।

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समाधान निकालने की कोशिश
दरअसल किसान आंदोलन की वजह से बीजेपी का पंजाब में तीखा विरोध है, Amit Shah Amarinder इसलिये कैप्टन इस विरोध को कम करने में लगे हैं, ताकि उन्हें इसका नुकसान ना झेलना पड़े, ऐसे में बीजेपी और कैप्टन दोनों के लिये ही हित में होगा, कि पंजाब में चुनाव से पहले किसान आंदोलन का मुद्दा अपने फेवर में किया जाए।

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बीएसएफ का दायरा बढा
हाल ही में मोदी सरकार ने सीमांत राज्यों में बीएसएफ के क्षेत्राधिकार के दायरे को 10 किमी से बढाकर 50 किमी तक कर दिया है, इसका पंजाब में भी विरोध हो रहा है, कांग्रेस ने इसे लेकर आरोप लगाया है कि कैप्टन के सलाह पर ही केन्द्र सरकार ने ये फैसला लिया है, भले ही कैप्टन अमरिंदर सिंह और बीजेपी के बीच अंदरखाने कोई सहमति हो, लेकिन खुलकर साथ आने का रिस्क फिलहाल नहीं लिया जा सकता, ऐसे में कैप्टन अमरिंदर सिंह यदि ये कहते हैं कि किसान आंदोलन का हल निकलने पर वो बीजेपी के साथ जा सकते हैं, तो फिर इसके मायने हैं, ये संभव है कि पंजाब में चुनाव से पहले कोई हल निकल आए।