पाक के छक्के छुड़ाने वाला पिनाक अब चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब, 44 सेकेंड में 72 राकेट, जानिये खूबियां

पिनाक राकेट का मार्क-2 वर्जन को एक गाइडेड मिसाइल की तरह तैयार किया गया है, जिसकी क्षमता को बढाने के लिये इसमें नेविगेशन, कंट्रोल और गाइडेंस सिस्टम जोड़ा गया है।

New Delhi, Oct 23 : कारगिल युद्ध के बाद पूर्वी लद्दाख तथा एलएसी पर चीन की आक्रामकता का करारा जवाब देने के लिये भारतीय सेना ने पिनाक रॉकेट सिस्टम तैनात किया है, न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना ने एलएसी पर किसी भी खतरे से निपटने के लिये चीन सीमा के पास पिनाका लांचर सिस्टम को तैनात क्या है, आखिर क्या है पिनाक राकेट सिस्टम, क्या ही इसका खूबियां, आइये बताते हैं।

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क्या है पिनाक की खूबियां
पिनाक एक फ्री फ्लाइट आर्टिलरी राकेट सिस्टम है, ये 45 किमी तक की दूरी तक किसी भी लक्ष्य को भेदने में सक्षम है, पिनाक राकेट्स को मल्टी-बैरल राकेट लांचर से छोड़ा जाता है, ये सिर्फ 44 सेकेंड में 72 राकेट्स दाग सकता है, भगवान शिव के धनुष पिनाक के नाम पर इसका नाम रखा गया है, इसे भारत और पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर तैनात करने के मकसद से बनाया गया है। पिनाक एक लंबी दूरी का आर्टिलरी सिस्टम है, जिसे नजदीक से युद्ध होने से पहले दुश्मन को टारगेट करने के लिये इस्तेमाल किया जाता है, इससे छोटी रेंज की आर्टिलरी, इन्फैंट्री, तथा हथियारबंद वाहनों को निशाना बनाया जाता है, इसका इस्तेमांल राकेट्स दागने के लिये ग्राड नाम के रुसी सिस्टम के साथ हुआ था, हालांकि सेना में अब भी इसका प्रयोग किया जाता है।

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राकेट सिस्टम को विकसित
1980 के दशक में डीआरडीओ ने पिनाक राकेट सिस्टम को विकसित करना शुरु किया, 1990 के आखिरी दौर में पिनाक मार्क-1 का सफल परीक्षण किया गया, खास बात ये है कि भारत ने कारगिल युद्ध के दौरान भी पिनाक का इस्तेमाल किया था, बाद में पिनाक की कई रेजिमेंट्स बन गई, पिनाक मूल रुप से मल्टी-बैरल राकेट सिस्टम है, इसके एक बैटरी में 6 लांच वेहिकल होते हैं, साथ ही लोडर सिस्टम, रडार, लिंक विद नेटवर्क सिस्टम और एक कमांड पोस्ट होती है, एक बैटरी के जरिये एक किमी एरिया को पूरी तरह ध्वस्त किया जा सकता है, मार्क-1 की रेंज करीब 40 किमी है, जबकि मार्क-2 से 75 किमी तक निशाना साधा जा सकता है।

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गाइडेड मिसाइल की तरह तैयार किया गया मार्क-2
पिनाक राकेट का मार्क-2 वर्जन को एक गाइडेड मिसाइल की तरह तैयार किया गया है, जिसकी क्षमता को बढाने के लिये इसमें नेविगेशन, कंट्रोल और गाइडेंस सिस्टम जोड़ा गया है, इससे अस मिसाइल की मारक क्षमता अत्यधिक सटीक है, यानी इसका निशाना अचूक होता है, मिसाइल का नेविगेशन सिस्टम सीधे इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट से जोड़ा गया है। आर्टिलरी गन्स के मुकाबले राकेट्स की एक्युरेसी कम होती है, हालांकि मार्क-2 में गाइडेंस और नेविगेशन सिस्टम लगने से वो कमी पूरी हो गई है, साथ ही युद्ध के समय राकेट लांचर्स को शूट एंड स्कूट की रणनीति अपनानी पड़ती है, यानी एक बार टारगेट पर फायर करने के बाद वहां से हट जाना होता है, ताकि वो खुद निशाना ना बन जाएं, लांचर वेहिकल की मैनुवरेबिलिटी बहुत अच्छी होनी चाहिये, पिनाक इस पैमाने पर खरा उतरता है।