कब है कार्तिक पूर्णिमा? जानें स्नान का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

कार्तिक पूर्णिमा का त्‍यौहार आ रहा है, इस दिन नहाना बहुत ही शुभ माना गया है ।  आगे जानें इस दिन से जुड़ी सारी खास बातें, मान्‍यता से लेकर महत्‍व और मुहूर्त तक ।

New Delhi, Nov 11: विष्णु पुराण की मान्‍यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा की संध्या पर भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था । वहीं एक अन्य मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही महादेव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था, इसलिए इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहा जाता है । इस पावन दिन पर पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने की भी परंपरा है । कार्तिक पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है । एसी मान्‍यता है कि इस दिन किए जाने वाले दान-पुण्य समेत कई धार्मिक कार्य विशेष फलदायी होते हैं ।

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कार्तिक पूर्णिमा तिथि, स्नान का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं । इस साल ये त्‍यौहार 19 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा है । कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह के समय किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है । स्नान के बाद दीपदान के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण और राधा की पूजा का भी विधान है । ऐसी मान्यता है कि इस दिन किए गए दान से पुण्यफल भी दोगुना मिलता है ।

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इन चीजों का दान करना लाभकारी
कार्ति पूर्णिमा के दिन गाय, हाथी, घोड़ा, रथ और घी का दान करने से संपत्ति बढ़ती है, जबकि भेड़ का दान करने से ग्रहयोग के कष्ट दूर होते हैं । कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत रखने वालों को इस दिन हवन जरूर करना चाहिए, इसके साथ ही यदि व्रती किसी जरुरतमंद को भोजन कराते हैं, तो उन्हें लाभ भी मिलेगा ।

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कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 19 नवंबर बन रही है, पूर्णिमा तिथि का आरंभ 18 नवंबर को रात 12 बजकर 02 मिनट से आरंभ होकर 19 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 29 मिनट तक समाप्‍त हो जाएगी । इस दिन हर व्‍यक्ति को नहाना जरूर चाहिए और कुछ समय के लिए भगवान की भक्ति में लगाना चाहिए ।