3 किलो सोना, 2 करोड़ कैश, लाखों का डॉलर, नामी डॉक्टर निकला चोरों का सरगना

20 अगस्त को अल्फी जी कॉर्प मैनेजमेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने खेड़की दौला थाने में चोरी की वारदात दर्ज करवाई थी, हालांकि कंपनी द्वारा चोरी की गई रकम के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई थी।

New Delhi, Nov 12 : साइबर सिटी गुरुग्राम में खेड़कीदौला इलाके में हुई करोड़ों की चोरी मामले में एसटीएफ टीम ने 2 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया, एसटीएफ के अनुसार ये दोनों डॉक्टर ही चोरी के मास्टरमाइंड हैं, बताया जा रहा है कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से 1.90 करोड़ कैश, सवा करोड़ कीमत का 3 किलो गोल्ड और 45 लाख रुपये की कीमत के यूएस डॉलर्स बरामद हुए हैं।

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दो डॉक्टर गिरफ्तार
एसटीएफ ने इस मामले में डॉक्टर सचिंदर जैन नवल, डॉक्टर जेपी सिंह को गिरफ्तार किया है, arrested1 बताया जा रहा है कि दोनों ने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल में तैनात विकास गुलिया और गैंस्टर विकास लगरपुरिया के साथ इस हाई प्रोफाचल चोरी की साजिश रची थी।

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क्या है मामला
दरअसल 20 अगस्त को अल्फी जी कॉर्प मैनेजमेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने खेड़की दौला थाने में चोरी की वारदात दर्ज करवाई थी, हालांकि कंपनी द्वारा चोरी की गई रकम के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई थी, ARREST मामले में गुरुग्राम पुलिस ने जांच करते हुए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में तैनात विकास गुलिया और एक अन्य को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से नाम मात्र की रिकवरी दिखा कर मामले को रफा-दफा कर दिया, लेकिन जांच में संतुष्ट ना होने पर डीजीपी हरियाणा ने मामले की जांच 10 दिन पहले एसटीएफ को सौंप दी।

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कैसे हुआ मामले का खुलासा
एसटीएफ के अनुसार चोरी की वारदात में शामिल दो आरोपियों नीटू और संदीप ने बुधवार को सरेंडर किया,स उनके बयान के आधार पर पता चला कि डॉ. जेपी सिंह ने डॉ. सचिंदर नवल को इस बड़ी रकम की जानकारी दी, इसके बाद सचिंदर जैन ने इसकी जानकारी गैंगस्टर विकास लगरपुरिया को दी, करोड़ों रुपये की चोरी की घटना में बड़ी भूमिका निभाई। एसटीएफ चीफ साथीश बालन की मानें, तो खेड़कीदौला की इस सोसाइटी में दो कमरे किराये पर लिये गये और फिर मौका मिलते ही बीती 2 और 3 अगस्त की रात करोड़ों की चोरी को अंजाम दिया गया। एसटीएफ चीफ ने आशंका जताई है कि चोरी किया गया करोड़ रुपये कहीं काला धन तो नहीं, दरअसल चोरी 2-3 अगस्त को हुई, कंपनी ने 20 अगस्त को इसकी एफआईआर दर्ज कराई, इसके अलावा छोटी सी शिकायत दर्ज कराई गई, इसमें रकम का भी खुलासा नहीं किया गया।