चाचा शिवपाल- भतीजा अखिलेश ने क्यों अलग-अलग मनाया मुलायम का जन्मदिन? Inside Story

शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी के जन्मदिन पर लोगों को बहुत उम्मीदें थीं कि जल्दी बात हो, उन्होने कहा कि बीजेपी को हटाने के लिये गठबंधन हो जाना चाहिये, वहीं सपा में विलय की बातें भी कही।

New Delhi, Nov 23 : सपा संस्थापक तथा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के इस जन्मदिन का इंतजार लंबे समय से हो रहा था, इसके पीछे सियासी वजह भी थी, सियासी गलियारों में इस बात को लेकर लगातार चर्चा थी कि मुलायम के जन्मदिन पर चाचा-भतीजा एक होकर नेताजी को जन्मदिन की सौगात देंगे, इस खास मौके पर अखिलेश और शिवपाल ने अलग-अलग मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन मनाकर क्या संदेश देना चाहते थे।

Advertisement

शिवपाल ने क्या कहा
शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी के जन्मदिन पर लोगों को बहुत उम्मीदें थीं कि जल्दी बात हो, उन्होने कहा कि बीजेपी को हटाने के लिये गठबंधन हो जाना चाहिये, वहीं सपा में विलय की बातें भी कही, shivpal yadav असल में ये विवाद 2016 में शुरु हुआ था, जब सपा की ओर से तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उम्मीदवारों की सूची जारी की, तो बेटे अखिलेश ने एक समानांतर सूची जारी कर दी, मुलायम ने चिट्ठी लिखकर अखिलेश से जवाब मांगा, यही नहीं 30 दिसंबर 2016 को मुलायम ने अखिलेश और अपने चचेरे बाई रामगोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिये निष्कासित भी कर दिया था।

Advertisement

अखिलेश बने पार्टी के मुखिया
तब रामगोपाल यादव अखिलेश की तरफ से बयानबाजी कर रहे थे, 1 जनवरी 2017 को जब पूरा देश और प्रदेश नया साल मना रहा था, सपा में शह और मात का खेल चल रहा था, Shivpal akhilesh अखिलेश यादव पार्टी से निकाले जाने के बाद खुद पार्टी मुखिया बन हैठे, साथ ही उन्होने ये भी कहा कि वो अपने पिता को साजिशकर्ताओं से बचाने के लिये कुछ भी करेंगे, जिसके चलते उन्हें चुनावी नुकसान 2017 में उठाना पड़ा, बीजेपी और खासकर पीएम मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में इसे बड़ा मुद्दा बनाया, पीएम ने ये संदेश देने की कोशिश की, कि जो अपने पिता का नहीं हुई, वो यूपी की जनता का क्या होगा।

Advertisement

बीजेपी ने ट्वीट किया वीडियो
अब 2022 के चुनाव सामने हैं, ऐसे में सपा कार्यकर्ताओं को 22 नवंबर का इंतजार था, चाचा-भतीजा दोनों ने अलग-अलग जन्मदिन मनाया, दूसरी ओर बीजेपी ने एक बार फिर अखिलेश के पारिवारिक विवाद को लेकर हमला बोलना शुरु कर दिया है, बीजेपी ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें पारिवारिक विवाद का जिक्र कर अखिलेश पर निशाना साधा गया है, बीजेपी यूपी यूनिट ने इस ट्वीट में लिखा है, गद्दी छीनने के लिये सियासत में पार्टी को यूं भी हथियाना पड़ता है, पिता-चाचा जो भी हो, उसको धकियाना पड़ता है, समझ गये ना किसकी बात हो रही है, याद है ना, कहीं भूले तो नहीं।

मुलायम किसके साथ
दूसरी ओर सपा की ओर से अखिलेश यादव के चाचा के लिये नरमी के संकेत दे दिये हैं, सूत्रों की मानें, तो एक महीने में गठबंधन फाइनल हो जाएगा, 2012 विधानसभा चुनाव में सपा को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद मुलायम ने बेटे अखिलेश को सीएम बनाया था, अखिलेश 2017 तक इस पद पर रहे, इस बीच परिवार में कलह के बाद मुलायम के छोटे भाई शिवपाल सपा से अलग हो गये, उन्होने प्रसपा नाम से अलग पार्टी बना ली, अभी तक ये भी साफ नहीं है कि मुलायम किसके साथ हैं, वो कभी बेटे तो कभी भाई के साथ नजर आते हैं।