लगातार तीसरी पीढी चुनाव में ठोंक रही ताल, यूपी के इन सियासी परिवारों पर सबकी नजर

बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम कल्याण सिंह अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके सामने ही पोते संदीप के रुप में तीसरी पीढी का सियासत में डेब्यू हो चुका था।

New Delhi, Jan 17 : राजनीति में परिवारवाद, वंशवाद जैसे शब्द खूब सुनाई पड़ते हैं, लेकिन सियासी लोग इससे बेपरवाह ही दिखते हैं, यही वजह है कि प्रदेश की राजनीति में नेताओं के बेटे-बेटियों की लांचिंग का सिलसिला जारी है, आइये यूपी के सियासी घरानों के बारे में आपको बताते हैं, जिन्होने चुनाव में कभी हार नहीं देखा।

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तीसरी पीढी करेगी कितना कल्याण
बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम कल्याण सिंह अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके सामने ही पोते संदीप के रुप में तीसरी पीढी का सियासत में डेब्यू हो चुका था, बेटे राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया एटा से बीजेपी सांसद हैं,  पोता योगी सरकार में राज्य मंत्री, अब देखना है कि लोध और कई पिछड़ी जातियों के वोटों पर प्रभाव रखने वाले कल्याण सिंह का परिवार इस पकड़ को कितना बरकरार रख पाता है।

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जितिन प्रसाद की परीक्षा
योगी सरकार में कुछ महीने पहले ही एमएलसी के रास्ते मंत्री पद संभालने वाले जितिन प्रसाद दिग्गज कांग्रेस नेता जितेन्द्र प्रसाद के बेटे हैं, रुहेलखंड से आने वाले जितिन भी पिछले चुनावों में टीम राहुल का हिस्सा थे, jitin bjp लेकिन चुनाव हारने के बाद कांग्रेस से मोहभंग के बाद अब बीजेपी का रुख कर लिया है, ब्राह्मण वोटों के लिये उन्हें बीजेपी ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, देखना है कि इनके परिवार का दबदबा रहता है या नहीं।

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नितिन संभाल रहे पिता की विरासत
वैश्य समाज की राजनीति करने वाले नरेश अग्रवाल की विरासत अब उनके बेटे नितिन अग्रवाल संभाल रहे हैं, नरेश अग्रवाल तो बीजेपी कोटे से राज्यसभा नहीं जा सके थे, लेकिन बीते दिनों बीजेपी ने उनके बेटे को विधान परिषद में उपसभापति जरुर बना दिया है।

हरिशंकर तिवारी का कुनबा
पूर्वांचल की राजनीति का प्रमुख नाम हैं पंडित हरिशंकर तिवारी, लंबे समय तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से बसपा विधायक बने थे, बड़े बेटे कुशल तिवारी संतकबीर नगर से सांसद रह चुके हैं, हालांकि अब ये परिवार सपा में शामिल हो चुका है, देखना है कि ये फैसला कितना कारगर साबित होता है।

अंसारी परिवार पर भी नजर
पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी ने भी एम्पायर खड़ा कर लिया है, उनके दादा आजादी से पहले इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं, चाचा हामिद अंसारी उपराष्ट्रपति रहे, मुख्तार खुद विधायक हैं, Mukhtar Ansari भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से बसपा सांसद और बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी पूर्व विधायक हैं, योगी सरकार के निशाने पर रहने वाले बाहुबली मुख्तार के खानदान पर भी इस चुनाव में सबकी नजर है, फिलहाल मुख्तार जेल में हैं, इस चुनाव में वो अपने या अपने परिवार की क्या मदद कर पाएंगे, ये तो समय बताएगा।