मेरे पास ताकत है… लेकिन ये हमेशा नहीं रहती, राजनीति की भेंट चढ गई कुमार विश्वास की दोस्ती

कुमार विश्वास और मनीष सिसोदिया बचपन के दोस्त हैं, इनकी दोस्ती राजनीति में आने से कई साल पहले की है, कुमार ने खुद बताया कि हमारी दोस्ती उतनी है, जितनी हमारी उम्र है, पहली क्लास में हम मिले थे।

New Delhi, Apr 21 : एक समय था, जब टीम केजरीवाल के सबसे खास सिपहसालार थे कवि कुमार विश्वास, मनीष सिसोदिया जो आज दिल्ली में डिप्टी सीएम हैं। अब सवाल ये है कि हम सिसोदिया की चर्चा क्यों कर रहे हैं, बुधवार को पंजाब पुलिस कुमार विश्वास के घर पहुंची, उन पर पंजाब चुनाव के समय केजरीवाल पर खालिस्तान से जोड़कर टिप्पणी करने का मामला दर्ज हुआ है, पंजाब में आप की सरकार है, ऐसे में बात ये हो रही है कि कभी कुमार विश्वास के जिगरी दोस्त रहे मनीष सिसोदिया इस मामले को लेकर चुप क्यों हैं।

Advertisement

बचपन के दोस्त
कुमार विश्वास और मनीष सिसोदिया बचपन के दोस्त हैं, इनकी दोस्ती राजनीति में आने से कई साल पहले की है, कुमार ने खुद बताया कि हमारी दोस्ती उतनी है, जितनी हमारी उम्र है, पहली क्लास में हम मिले थे, एक साथ पढाई पूरी की, साथ में शादी भी की। एक दिलचस्प बात बताते हुए कुमार ने कहा था कि जब मेरी बेटी पैदा होने वाली थी, तो मैं बाहर था, तब मनीष और भाभी मेरी पत्नी को लेकर अस्पताल गये थे, ऐसे ही जब मनीष के घर बेटा हुआ, तो वो असम में चैनल के लिये चुनाव कवर कर रहा था, तो मैं अस्पताल में रहा, ऐसी थी हमारी दोस्ती, कुमार विश्वास ये भी कहते थे कि मनीष बहुत कूल रहता है।

Advertisement

केजरीवाल से कैसे हुआ परिचय
कुमार विश्वास ने एक और किस्सा बताते हुए कहा कि जब वो मनीष के साथ अन्ना आंदोलन में थे, तो हमें पता चला कि पुलिस हमें गिरफ्तार करने वाली है, हमने बात की, अगर पुलिस अन्ना को ले जाती है, तो आंदोलन को अरविंद लीड करेंगे, अगर दोनों को ले गये, तो कुमार लीड करेंगे, इस पर उन्होने मनीष से कहा अगर हम अच्छा काम कर रहे होते, तो मनाली जाते, जेल नहीं, कुमार ये भी बताते हैं कि मनीष और हमने एक साथ घर बनाया था, मनीष को 50 हजार रुपये देने थे, लेकिन उनके पास 35 हजार ही थे, मनीष ने ही मेरा परिचय अरविंद केजरीवाल से कराया था।

Advertisement

क्यों मैं रिश्ते नहीं बेचता
इतने प्रगाढ संबंध होने के बाद दोनों की दोस्ती टूटी कैसे, इस पर कुमार विश्वास ने ऋचा अनिरुद्ध से बात करते हुए खुलकर बोला था, उन्होने बताया कि मेरी शादी की सालगिरह थी, बहुत से दोस्त आये थे, मनीष भी परिवार के साथ थे, सबके जाने के बाद मैंने मनीष से पूछा कि हमारी लड़ाई क्यों हो रही, पहले तो ऐसा नहीं होता था, हमने साथ में पढाई की, शादी की, पार्टी बनाई, तब तक हमारे विचार एक थे, अब अलग क्यों हैं, कुमार ने कहा कि सवाल का जवाब देने के बजाय उसने मुझसे कहा तू बता ऐसा क्यों हो रहा है, मैंने कहा तुम्हारे पास ताकत है शायद इसलिये, इस पर मनीष ने कहा यही समझ ले, मेरी पत्नी वहीं खाना खा रही थी, उसने मेरे दोस्त से कहा कि भाई साहब ताकत तो हमेशा नहीं रहती, इस पर उसने खाना खाते-खाते बोला, पर भाभी जी अभी तो है ना बस, बहुत है, इसके आगे मैंने कुछ नहीं बोला, जब खाने के बाद उसे बाहर छोड़ने निकला, तो मैंने अपनी पत्नी से कहा कि ये हमारी आखिरी मुलाकात थी, मुझे दुख हुआ जब मेरे बचपन के दोस्त ने मुझसे इस कदर बात की, कुमार अपनी बात कहते-कहते थोड़ा भावुक हरो जाते हैं, जिस पर शो की होस्ट करती है, क्या आपको कष्ट हो रहा है, भारी मन से कुमार कहते हैं, बहुत ज्यादा कष्ट हो रहा है। इसी शो में कुमार विश्वास ने कहा कि वो दो ही चीजें ले सकते हैं, आप या तो रिश्ते ले सकते हैं, या फिर उन रिश्तों को बेचकर आप कुछ ले सकते हैं, मेरे जीवन में ऐसे कई वक्त आये, जब मुझे चीजें बेचनी थी, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया, मैंने साफ कह दिया कि मैं रिश्ते नहीं बेचूंगा।