सचिन की वजह से टीम इंडिया का कप्तान नहीं बन पाये युवराज सिंह, खुद पूरी बात बताई

युवराज सिंह ने स्पोर्ट्स 18 पर इंटरव्यू के दौरान संजय मांजरेकर के सामने खुद को कप्तानी नहीं मिलने की बड़ी वजह का खुलासा किया, युवी ने बताया कि ग्रेग चैपल विवाद में सचिन तेंदुलकर का साथ देने के कारण उन्हें टीम इंडिया की कप्तानी नहीं मिल सकी।

New Delhi, May 10 : युवराज सिंह टीम इंडिया के स्टाइलिश क्रिकेटरों में गिने जाते थे, एक वक्त पर वो टीम की कप्तानी के सबसे बड़े दावेदार माने जाते थे, अब युवी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है, आखिर किस तरह मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की वजह से उनके हाथ से कप्तानी का मौका निकल गया।

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सचिन की वजह से निकला मौका
युवराज सिंह ने स्पोर्ट्स 18 पर इंटरव्यू के दौरान संजय मांजरेकर के सामने खुद को कप्तानी नहीं मिलने की बड़ी वजह का खुलासा किया, युवी ने बताया कि ग्रेग चैपल विवाद में सचिन तेंदुलकर का साथ देने के कारण उन्हें टीम इंडिया की कप्तानी नहीं मिल सकी, बीसीसीआई के कुछ पदाधिकारियों को ये बात पसंद नहीं आई, इसके बाद उन्हें उपकप्तानी से भी हाथ धोना पड़ा।

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चौंकाने वाला खुलासा
युवराज सिंह ने कहा मैं कप्तान बनना चाहता था, फिर ग्रेग चैपल और सचिन तेंदुलकर के बीच विवाद हुआ, जिसमें मैंने सचिन तेंदुलकर का साथ दिया, बीसीसीआई के अधिकारियों को ये बात पसंद नहीं आई, मैंने ऐसा सुना था कि वो किसी को भी कप्तान बनाने को तैयार थे, लेकिन मुझे नहीं।

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अचानक धोनी को मिली कप्तानी
युवराज ने कहा कि 2007 इंग्लैंड दौरे पर वीरेन्द्र सहवाग जैसे सीनियर खिलाड़ी टीम में नहीं थे, मैं उस दौरान वनडे टीम का उपकप्तान था, राहुल द्रविड़ कप्तान थे, वनडे टीम का उपकप्तान होने के नाते मुझे लगा कि मैं कप्तान बनने वाला हूं, MS-Dhoni फिर अचानक मुझे उपकप्तानी से भी हटा दिया गया, 2007 टी-20 विश्वकप के लिये अचानक ही महेन्द्र सिंह धोनी को कप्तान बनाया दिया गया। युवी ने ये भी कहा भले ही ये फैसला मेरे खिलाफ गया, लेकिन मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है, आज भी अगर ऐसे हालात होते, तो मैं अपनी टीम के सीनियर खिलाड़ी के साथ खड़ा होगा, बता दें कि युवराज भले ही टीम इंडिया के कप्तान ना बन पाये हैं, लेकिन उन्होने भारतीय टीम को 2007 टी-20 और 2011 आईसीसी विश्वकप जिताया, वो दोनों टूर्नामेंट में शानदार फॉर्म में थे।