डॉक्टरी में यूनिवर्सिटी में चौथा स्थान, नेशनल लेवल का खिलाड़ी, माणिक साहा का फुल प्रोफाइल जानिये

माणिक साहा पेशे से डेंटल सर्जन हैं, इसी साल मार्च में वो राज्यसभा सांसद चुने गये थे, माणिक को बिप्लब देब का काफी करीबी माना जाता है।

New Delhi, May 15 : त्रिपुरा में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, उससे पहले बीजेपी ने सीएम बिप्लब देब को हटाकर माणिक साहा को जिम्मेदारी सौंपी है, 69 वर्षीय माणिक साहा राज्यसभा सांसद भी रहे हैं, वो 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे, ऐसे में मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचना पार्टी में उनके बढते कद का संकेत है।

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पेशे से डेंटल
माणिक साहा पेशे से डेंटल सर्जन हैं, इसी साल मार्च में वो राज्यसभा सांसद चुने गये थे, माणिक को बिप्लब देब का काफी करीबी माना जाता है, प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, Manik saha पार्टी एक बार फिर से सत्ता में लौटने की कोशिश में जुटी है, सीएम बिप्लब देब के नाम पर पार्टी में असंतोष था, जिसके बाद उन्हें हटाकर माणिक साहा को आगे कर दिया गया है।

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शैक्षणिक योग्यता
माणिक साहा के शैक्षणिक योग्यता की बात करें, तो उन्होने गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज पटना से जेंटल स्टडीज में स्नातक की पढाई की, उन्होने यूनिवर्सिटी में चौथा स्थान हासिल किया था, साहा ने 1995 में केजीएमसी लखनऊ विश्वविद्यालय से ओरल तथा मैक्सिलोफेशियल सर्जरी में पीजी किया, वो त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज और डॉ. बीआर अंबेडकर टीचिंग हॉस्पिटल में डेंटल सर्जरी के प्रोफेसर के रुप में सेवा दे चुके हैं, उन्हें इंडियन डेंटल एसोसिएशन द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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एथलीट भी हैं साहा
माणिक साहा की वफादारी तथा साफ-सुथरी छवि 2019 में रंग लाई, जब बीजेपी सरकार ने उन्हें त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष बनने में मदद की, वो एक एथलीट भी रहे हैं, उन्होने विश्वविद्यालय तथा राष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन टूर्नामेंट में भाग लिया है, साहा को 1970 में जूनियर डिवीजन लड़कों में सर्वश्रेष्ठ एनसीसी कैडेट घोषित किया गया था। बीजेपी में माणिक का बढता कद तब देखने को मिला, जब 2020 में बिप्लब देव की जगह उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद मिला, हालांकि बिप्लब को पार्टी इकाई के प्रमुख पद से हटाना असंतुष्ट नेताओं की प्रमुख मांग थी, वो चाहते थे कि नेतृत्व राज्य में एक आदमी एक पद की नीति को लागू करे, इसी साल मार्च में साहा को त्रिपुरा से राज्यसभा के लिये चुना गया, वो राज्यसभा पहुंचने वाले इस राज्य में बीजेपी के पहले नेता हैं।

सुर्खियों में बिप्लब देव
48 साल की उम्र में त्रिपुरा सीएम बनने वाले बिप्लब देब ने शनिवार को सभी को चौंकाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया, अपने कार्यकाल के दौरान कभी अपनी कार्यशैली, तो कभी अपने बयानों के कारण बिप्लब सुर्खियों में रहे, अक्टूबर 2020 में विधायकों का एक दल उनके खिलाफ बगावत कर दिया, और दिल्ली पहुंचे, हालांकि तब पार्टी हाईकमान ने मामले को सुलझा लिया था। जिसके बाद कुछ समय के लिये मामला दब गया।