राष्ट्रपति चुनाव- बीजेपी की राह आसान नहीं, जानिये कितना होता है विधायक -सांसद के वोट का वैल्यू?
2022 में 16वें राष्ट्रपति बनने वाले हैं, इस चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज में 4809 सदस्य होंगे, इनमें राज्यसभा के 233, लोकसभा के 543 और विधानसभाओं के 4033 सदस्य होंगे।
New Delhi, Jun 18 : देश में इन दिनों राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा जोरो पर है, शुक्रवार तक राष्ट्रपति चुनाव के लिये 15 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, हालांकि कुछ जरुरी डॉक्यूमेंट्स के अभाव में तीन नामांकन खारिज हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इसे लेकर बीजेपी और कांग्रेस अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, इस बार राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी की राह आसान नहीं होगी, आंकड़ों के खेल में विपक्ष भी भारी दिख रहा है, अगर पूरा विपक्ष एकजुट हो जाए, तो बीजेपी के लिये मुश्किल हो सकती है।
सांसद और विधायकों के वोट की वैल्यू
2022 में 16वें राष्ट्रपति बनने वाले हैं, इस चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज में 4809 सदस्य होंगे, इनमें राज्यसभा के 233, लोकसभा के 543 और विधानसभाओं के 4033 सदस्य होंगे, वोटिंग के समय हर विधायक और सांसद के वोट की वैल्यू होती है, इस बार हर संसद सदस्य के वोट की कीमत 700 तय की गई है, हर प्रदेश के विधानसभा सदस्यों के वोटों की कीमत उस राज्य की जनसंख्या पर निर्भर होती है। उदाहरण के लिये यूपी के विधायकों के वोट का वैल्यू 208 होगा, जबकि मिजोरम में 8 तो तमिलनाडु में 176 होगा, राष्ट्रपति चुनाव में विधायकों के वोटों का कुल वैल्यू 543231 होगा, वहीं संसद के सदस्यों के वोटों का वेटेज 543200 है, कुल मिलाकर इस साल सभी सदस्यों के वोटों का वेटेज 1086431 है।
विपक्ष का पलड़ा कितना
राष्ट्रपति चुनाव में केन्द्र की सत्ता पर काबिज बीजेपी मजबूत स्थिति में दिख रही है, लेकिन विपक्ष से अभी भी पीछे है, दरअसल बीजेपी के पास 50 फीसदी से कम वोट है, इस समय बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के पास कुल 48.9 फीसदी वोट है, यानी विपक्ष के पास 51.1 फीसदी वोट है, यानी अगर पूरा विपक्ष एकजुट हो जाता है तो फिर बीजेपी के लिये परेशानी हो सकती है।
बीजेपी का प्लान
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी के लिये इस चुनाव को जीतना बहुत मुश्किल नहीं होगा, बीजेपी सिर्फ 2.2 फीसदी वोट पीछे है, चूंकि बीजेपी केन्द्र में सत्ता में है, इसलिये कुछ विपक्षी छोटे दल आसानी से बीजेपी उम्मीदवार को समर्थन दे सकते हैं, इसके साथ ही पिछले कई चुवावों में देखा गया है कि बीजेपी विपक्ष के वोटों में सेंध लगाकर सरकार बनाने में सफल रही है, इसके उदाहरण एमपी, मणिपुर और गोवा जैसे राज्य हैं, ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी राष्ट्रपति चुनाव में ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजेडी, आंध्र प्रदेश की सरकार चला रही वाईएसआर कांग्रेस और केसीआर की पार्टी टीआरएस से भी समर्थन मांग सकती है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिये 29 जून तक नामांकन होना है, वहीं 18 जुलाई को मतदान और 21 जुलाई को चुनाव के नतीजे आएंगे।