Success Story- पिता चला रहे थे बस, बेटी ने फोन पर कहा पापा मैं IAS बन गई, मिला ऐसा जवाब

हरियाणा के बहादुरगढ की रहने वाली प्रीति हुड्डा ने हिंदी मीडियम से पेपर तथा इंटरव्यू देकर सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है।

New Delhi, Jun 20 : संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2021 का फाइनल रिजल्ट पिछले महीने जारी किया था, 685 उम्मीदवारों को सफलता मिली, जिसमें दिल्ली की श्रुति शर्मा ने टॉप किया, हर साल लाखों छात्र यूपीएससी परीक्षा में बैठते हैं, लेकिन कुछ को ही सफलता मिल पाती है, इसके लिये उनको कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, हालांकि कुछ ऐसे भी छात्र हैं, जो आसानी से सफलता हासिल कर लेते हैं, एक ऐसी ही कहानी हरियाणा की रहने वाली प्रीति हुड्डा की है, जिन्होने एग्जाम तैयारी के दौरान मस्ती भी की और फिल्में भी देखी, फिर सफलता भी हासिल की।

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हिंदी मीडियम में पेपर
हरियाणा के बहादुरगढ की रहने वाली प्रीति हुड्डा ने हिंदी मीडियम से पेपर तथा इंटरव्यू देकर सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है, इसके बाद वो आईएएस के लिये चुनी गई हैं, हालांकि उनके लिये ये सब उतना आसान नहीं था, क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है, प्रीति के पिता दिल्ली परिवहन निगम में बस चलाते हैं, उनकी कमाई से ही परिवार का गुजारा होता है।

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जेएनयू से एम. फिल और पीएचडी
प्रीति हुड्डा पढाई में औसत से अच्छी थी, उन्होने दसवीं में 77 प्रतिशत फिर 12वीं में 87 प्रतिशत नंबर हासिल किये, इसके बाद दिल्ली के लक्ष्मी बाई कॉलेज से हिंदी में ग्रेजुएशन किया, जिसमें 76 फीसदी नंबर आये, फिर उन्होने जेएनयू से एमफिल और पीएचडी किया। डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार प्रीति हुड्डा ने बचपन से कभी भी सिविल सेवा में जाने का नहीं सोचा था, वो बताती है कि उनके पापा का सपना था कि वो आईएएस बनें, जब प्रीति ने जेएनयू में एडमिशन लिया, तो यूपीएससी परीक्षा के बारे में उन्हें पता चला, कि इसकी तैयारी कैसे की जाए, फिर उन्होने एम. फिल के दौरान सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरु की।

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तैयारी के दौरान मस्ती
प्रीति ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिये बिल्कुल अलग रणनीति अपनाई, उन्होने पढाई के दौरान जमकर मस्ती की, वो बताती है कि लगातार 10 घंटे पढने के बजाय थोड़ा सोचकर दिशा तय करके पढने की जरुरत है, उनका मानना है कि तैयारी के साथ-साथ मस्ती भी जरुरी है, कॉन्फिडेंस के साथ-साथ सिलेबस को पूरा करना चाहिये और बहुत सारी किताबें पढने के बजाय रिवीजन जरुरी है, वो कहती हैं कि तैयारी करते समय फिल्में भी देख सकते हैं, लेकिन बैलेंस जरुरी है। प्रीति ने बताया कि जब यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट आया, तो उनके पिता ड्यूटी पर थे, डीटीसी बस चला रहे थे, जो प्रीति ने उन्हें फोन कर खुशखबरी सुनाई, प्रीति ने बताया कि पापा कभी भी मुंह पर तारीफ नहीं करते, लेकिन उस दिन उन्होने पहली बार तारीफ की, कहा शाबाश मेरा बेटा, मैं बहुत खुश हूं।