
भीगे बादाम से ज्यादा फायदेमंद हैं भीगे चने, 6 बातें अभी जान लीजिए

रोज सुबह चने के स्प्राउट खाने से जल्दी भूख नहीं लगती । शाम के स्नैक में भुने हुए चने खाने चाहिए, ये आपकी डायट को कंप्लीट करते हैं । स्वाद में भी ये अच्छे लगते हैं ।
New Delhi, Jun 23: कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन और गुड विटामिन्स का अच्छा सोर्स है काला चना । इसे खाने से दिमाग तो तेज होता ही है ये पाचन शक्ति के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है । काले चने का इतिहास बताता है कि ये अकेली ऐसी दाल है जो 7,5000 सालों से पृथ्वी पर मौजूद है और इसकी खेती की जा रही है । चने में प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में होता है जिसकी वजह से ये हैल्थ के लिए बेहद ही फायदेमंद माना जाता है । आगे जानिए भीगे चने के और क्या-क्या फायदे हैं ।
इम्यूनिटी
डायजेस्टिव सिस्टम मजबूत होगा तो आपकी इम्यूनिटी भी स्ट्रॉन्ग होगी । चने में ढेरों विटामिन्स पाए जाते हैं । इसमें फास्फोरस भी पाया जाता है । इसकी सही मात्रा शरीर को बीमार होने से बचाती है । शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है । रोज सुबह दो मुठ्ठी भीगे चने खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है ।
मजबूत पाचन तंत्र
चने में फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है । जब हम कोई भी ऐसी चीज खाते हैं जो बहुत अधिक फाइबर युक्त होती है तो उसे पचाने में शरीर को कोई कष्ट नहीं होता । भीगे चने खाने से हमारा पाचन तंत्र मजबूत होता है । डाइजेस्टिव सिस्टम क्लियर रहने से कब्ज, अपच या गैस वगैरह की समस्या नहीं सताती ।
मोटापा
मोटे लोगों को अपनी डायट में चना शामिल करना चाहिए । रोज सुबह भीगे हुए चने खाने से पेट भरा- भरा रहेगा । डायट एक्सपर्ट्स के मुताबिक रोज सुबह चने के स्प्राउट खाने से जल्दी भूख नहीं लगती । शाम के स्नैक में भुने हुए चने खाने चाहिए, ये आपकी डायट को कंप्लीट करते हैं । स्वाद में भी ये अच्छे लगते हैं ।
डायबिटीज
भीगे चने रोज आहार में शामिल करने से डायबिटीज की समस्या में आराम मिलता है । चना खाने से शरीर में ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल में
रहता है । डॉक्टर्स भी मधुमेह रोगियों को चना खाने की सलाह देते हैं । आयुर्वेद में चने के फायदे बताते हुए इसे मधुमेह मारक भी कहा जाता है । इसका रोजाना सेवन करने से शुगर की प्रॉब्लम दूर होती है ।
एग्जिमा में राहत
शरीर पर काले रंग के चकत्ते पडना और एग्जिमा की बीमारी में चने बेहद फायदेमंद साबित होते हैं । 3 साल तक चने का लगातार सेवन करने
से ये बीमारी पूरी की पूरी खत्म हो सकती है । प्राचीन समय में जब कुष्ठ रोग का प्रकोप हुआ करता था तो वैद्य रोगी को काले चने खाने के लिए देते थे । इसके नियमित सेवन से कुष्ठ रोग में लाभ होता है ।
गर्भवती महिला के लिए चना फायदेमंद
गर्भ के समय स्त्रियों को उल्टी की समस्या से दो चार होना पड़ता है । उल्टियां ज्यादा हों तो उसका असर बच्चे पर भी पड़ता है क्योंकि शरीर
पर जोर पड़ता है । ऐसी महिला को भुने चने का सत्तू पिलाना फायदेमंद होता है । लेकिन इसका सेवन अधिक नहीं करना चाहिए ये नुकसानदायक हो सकता है । सत्तू में नींबू मिलाकर पीने से फायदा होता है ।