6 दशक बाद वैष्‍णो देवी यात्रा में हुआ ये बड़ा बदलाव, जानें श्रद्धालुओं को अब क्‍या करना होगा?

62 साल बाद माता वैष्‍णो देवी की यात्रा में कुछ बहुत जरूरी बदलाव किए गए हैं । सबसे अहम बदलाव तो यही है कि अब पर्ची से चल रही यात्रा बंद कर दी जाएगी ।

New Delhi, Jun 24: जम्मू-कश्मीर के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी की यात्रा अब पर्ची के माध्‍यम से नहीं होगी । माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए पिछले 62 सालों चली आ रही पर्ची व्‍यवस्‍था बंद करने जा रही है । इसकी जगह पर अब रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) सेवा शुरू की जाएगी । इस साल के पहले ही दिन मची भगदड़ के बाद बोर्ड प्रशासन ने अगस्त से आरएफआइडी सेवा अनिवार्य कर दी है ।

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बनेगा कंट्रोल रूम
आरएफआइडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त होगा, जो सर्वर के साथ कनेक्ट होगा । इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा । कार्ड में श्रद्धालु की फोटो के साथ पूरी जानकारी दी होगी । श्रद्धालु यात्रा शुरू करने से पहले श्राइन बोर्ड के यात्रा पंजीकरण केंद्र से आरएफआइडी कार्ड प्राप्त करेंगे । इसके अलावा यात्रा पूरी करने के बाद श्रद्धालु कार्ड को मां वैष्णो देवी के प्रवेश द्वार दर्शनी ड्योढ़ी या फिर नए ताराकोट मार्ग के प्रवेश द्वार, कटड़ा हेलीपैड या फिर श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर यात्रा पंजीकरण केंद्र पर वापस करेंगे।

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श्रद्धालुओं को नि:शुल्क मिलेगा आरएफआइडी कार्ड
खास बात ये कि यह कार्ड दोबारा कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है । आरएफआइडी कार्ड की कीमत मात्र 10 रुपये है, लेकिन श्रद्धालु को यह नि:शुल्क मिलेगा । इसका खर्चा श्राइन बोर्ड स्वयं वाहन करेगा । आनलाइन यात्रा के लिए पंजीयन कराने वाले श्रद्धालु जैसे ही आधार शिविर कटरा पहुंचेंगे, उसी समय वाई-फाई से उसके स्मार्ट फोन पर मैसेज आएगा कि उसे कितने बजे और किस काउंटर पर जाकर आरएफआइडी कार्ड लेना है । इसके लिए वहां पर वायरलेस फिडेलिटी सुविधा विकसित की जा रही है । आरएफआइडी कार्ड का टेंडर श्राइन बोर्ड प्रशासन ने पुणे की एमटेक इनोवेशन कंपनी को दिया है ।

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खराब नहीं होगा कार्ड
आरएफआइडी कार्ड पाली फैब्रिक से बना होगा जो बारिश या फिर पसीने से खराब नहीं होगा ।इस कार्ड को वापसी पर जमा कराना भी अनिवार्य होगा । इस सुविधा को शुरू करने का मकसद यात्रा पर बारीकी से नजर रखना है । इस कार्ड से भवन मार्ग पर किसी तरह का दुर्व्यवहार और यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लापता होने के मामलों पर रोक लगेगी । इसके अलावा सबसे ज्‍यादा फायदा भीड़ को नियंत्रण करने में मदद मिलेगी । अनुमान के मुताबिक भवन करीब 10 हजार श्रद्धालु एक समय में दर्शन के लिए रुक सकता है । श्राइन बोर्ड प्रशासन कंट्रोल रूम से भीड़ पर पल-पल की निगाह रखेगा, इसके लिए टीम बनाई जाएगी ।