फ्लोर टेस्ट में क्या हो सकती है उद्धव सरकार की स्थिति, क्या बन रहे समीकरण?, जानिये

आखिर फ्लोर टेस्ट क्या होता है, इस टेस्ट में फैसला किया जाता है कि मौजूदा दल के पास सरकार बनाने के लिये संख्या बल है या नहीं, इसमें राज्यपाल किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकते।

New Delhi, Jun 25 : महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों हर घंटे परिवर्तन हो रहा है, उद्धव ठाकरे की कुर्सी के साथ-साथ उनकी पार्टी भी अधर में दिख रही है, विधानसभा में शिवसेना का संख्या बल लगातार घट रहा है, गुरुवार तक एकनाथ शिंदे के कैंप में शिवसेना के 33 विधायक थे, जो अब बढकर 38 हो गये हैं, 9 निर्दलीय विधा.क हैं, 2 विधायक प्रहार जनशक्ति पार्टी के हैं, जो गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में ठहरे हुए हैं, अब सबकी नजरें होने वाले फ्लोर टेस्ट पर टिकी है।

Advertisement

फ्लोर टेस्ट
अगर फ्लोर टेस्ट हुआ तो क्या होगा, पहले जान लेते हैं कि आखिर फ्लोर टेस्ट क्या होता है, इस टेस्ट में फैसला किया जाता है कि मौजूदा दल के पास सरकार बनाने के लिये संख्या बल है या नहीं, sharad uddhav इसमें राज्यपाल किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर सकते, वहीं सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश में कहा गया है कि राज्यपाल को फ्लोर टेस्ट के आदेश देने की शक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता है, अगर राज्यपाल को लहता है कि सरकार के पास सदन मे संख्याबल कम है, तो फिर फ्लोर टेस्ट के लिये बुला सकते हैं।

Advertisement

फ्लोर टेस्ट लेता कौन है
कानून के अनुसार अगर विधानसभा सत्र चल रहा होता है, तो विधानसभा अध्यक्ष फ्लोर टेस्ट के लिये बुला सकते हैं, लेकिन अगर सत्र नहीं चल रहा है, तो अनुच्छेद 163 के तहत राज्यपाल फ्लोर टेस्ट के लिये बुला सकते हैं, aaditya thackeray uddhav thackeray याद रहे कि महाराष्ट्र में अभी फ्लोर टेस्ट के लिये गवर्नर ही बुला सकते हैं, क्योंकि वहां विधानसभा सत्र नहीं चल रहा है।

Advertisement

बहुमत साबित करने के लिये कितनी संख्या
महाराष्ट्र की 288 विधायकों वाली विधानसभा में किसी भी राजनीतिक दल को अपना बहुमत साबित करने के लिये 145 विधायकों का समर्थन चाहिये, मौजूदा सरकार की अगर बात करें, eknath shinde तो एमवीए सरकार में शिवसेना के 55 विधायक, एनसीपी के 53, कांग्रेस के 44 विधायक हैं, इसके अलावा मनसे, स्वाभिनी पक्ष तथा राष्ट्रीय समाज पक्ष के 1-1 विधायक हैं, बीजेपी के 106 विधायक हैं।

बीजेपी और एकनाथ साथ आये तो
अब बात कर लेते हैं उस समीकरण की, जो एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद पैदा हुआ है, एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद कहा जा रहा है कि उद्धव सरकार अल्पमत में चल रही है, क्योंकि शिंदे का दावा है कि uddhav thackeray शिवसेना के 38 विधायक उनके साथ हैं, साथ ही 9 निर्दलीय तथा 2 प्रहार जनशक्ति पार्टी के विधायकों का समर्थन भी प्राप्त है, इसके साथ ही अगर बीजेपी साथ आई, तो बीजेपी 106 विधायकों वाली सबसे बड़ी पार्टी है, ऐसे में आसानी से बहुमत साबित कर सरकार बना सकते हैं।

सरकार के साथ और खिलाफ कितने विधायक
अगर सरकार के साथ के विधायकों की बात करें, तो 114 विधायक ऐसे हैं, जो सरकार के साथ हैं, जिसमें एनसीपी के 53, शिवसेना के 17 और कांग्रेस के 44 हैं, तो वहीं सरकार के खिलाफ का आंकड़ा ज्यादा दिख रहा है, Uddhav thackrey यहां 164 विधायक हैं, जो सरकार के खिलाफ है, जिसमें बीजेपी के 106, एकनाथ शिंदे गुट के 38 तथा 20 अन्य विधायक भी सरकार के खिलाफ हैं।