कोई पहली बार कप्तान, तो कोई ओपनर, जानिये मध्य प्रदेश को चैंपियन बनाने वाले 5 हीरो की कहानी

तब चंद्रकांत पंडित टीम के कप्तान थे, इस बार वो टीम के कोच हैं, कप्तान के रुप में जो ख्वाब अधूरा रह गया था, वो कोच बनकर पूरा किया। वो भी तब, जब टीम के कई धुरंधर इस सीजन में साथ नहीं रहे।

New Delhi, Jun 26 : मध्य प्रदेश की क्रिकेट टीम रणजी के 88 साल के इतिहास में पहली बार चैंपियन बनी है, उसने बंगलुरु में खेले गये फाइनल में 41 बार के चैंपियन मुंबई को हराया, इससे पहले एमपी की टीम 23 साल पहले रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची थी, तब इसी चिन्नास्वामी स्टेडियम में अंतिम सेशन के खेल में एमपी के हाथों से जीत खिसक गई थी, तब चंद्रकांत पंडित टीम के कप्तान थे, इस बार वो टीम के कोच हैं, कप्तान के रुप में जो ख्वाब अधूरा रह गया था, वो कोच बनकर पूरा किया। वो भी तब, जब टीम के कई धुरंधर इस सीजन में साथ नहीं रहे, आवेश खान और वेंकटेश अय्यर टीम इंडिया में होने की वजह से रणजी ट्रॉफी नहीं खेल पाये, इसके अलावा ईश्वर पांडे और कुलदीप सेन चोटिल होने की वजह से उपलब्ध नहीं थे, लेकिन इसके बावजूद चंद्रकांत पंडित की देखरेख में युवा खिलाड़ियों ने एमपी को चैंपियन बना दिया। इस जीत में कई मैच विनर रहे, इस सीजन 5 खिलाड़ियों ने अलग-अलग मौकों पर टीम की जीत में बड़ी भूमिका निभाई, जिससे टीम का चैंपियन बनने का सपना साकार हो पाया, आइये उन खिलाड़ियों के बारे में हम जानते हैं।

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रजत पाटीदार
आईपीएल 2022 में आरसीबी के लिये रिकॉर्ड शतक लगाने वाले रजत पाटीदार ने रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में एमपी के लिये शानदार बल्लेबाजी की, उन्होने फाइनल में मुंबई के खिलाफ शतक लगाकर टीम को चैंपियन बनाने में बड़ी भूमिका निभाई, पाटीदार ने फाइनल में तेजी से बल्लेबाजी करते हुए 163 गेंदों में शतक ठोका, जिससे एमपी को पहली पारी में बड़ी बढत मिली, रणजी के इस सीजन में ये रजत का दूसरा शतक था, वो इस सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं, उन्होने 6 मैचों में 79 के औसत से 600 से ज्यादा रन ठोके।

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कुमार कार्तिकेय
बायें हाथ के स्पिन गेंदबाज तेजी से आगे बढ रहे हैं, हालांकि यहां तक का उनका सफर आसान नहीं रहा है, उन्होने क्रिकेटर बनने के लिये टायर फैक्ट्री में नौकरी की, दो राज्य बदले, 4 साल पहले फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी ने एमपी को चैंपियन बनाने में बड़ी भूमिका निभाई, उन्होने सेमीफाइनल में 8 विकेट लेकर टीम को फाइनल में पहुंचा, फिर फाइनल की दूसरी पारी में मुंबई के 4 विकेट हासिल किये, वो इस सीजन सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं, उन्होने 6 मैचों में 32 विकेट लिये, जिसमें तीन बार 5 विकेट भी शामिल है।

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आदित्य श्रीवास्तव
चंद्रकांत पंडित के कोच बनने के बाद एमपी टीम में कई बदलाव हुए, जिसमें एक था टीम का कप्तान बदलना, रणजी ट्रॉफी के इस सीजन के लिये आदित्य श्रीवास्तव को टीम को कप्तान बनाया गया, उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलते हुए ज्यादा समय नहीं हुआ था, लेकिन इसके बावजूद कोच पंडित ने उन पर भरोसा जताया, आदित्य ने इस सीजन ज्यादा रन तो नहीं बनाये, लेकिन कुछ अच्छी पारियां खेली, उन्होने सेमीफाइनल में बंगाल के खिलाफ 82 रन बनाये, उनकी इस पारी के बदौलत ही एमपी की टीम बंगाल को हराने में सफल रही।

हिमांशु मंत्री
इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने 3 साल पहले ही एमपी के लिये फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था, लेकिन कम समय में ही उन्होने खुद को स्थापित कर लिया है, मंत्री ने रणजी के इस सीजन में 4 मैचो में 67 के औसत से 300 से ज्यादा रन बनाये, इस दौरान एक शतक और एक अर्धशतक भी ठोका, उनका शतक बंगाल के खिलाफ सेमीफाइनल में आया, पंजाब के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में भी 89 रनों की पारी खेली थी।

यश दूबे
रजत पाटीदार के बाद एमपी के लिये सबसे ज्यादा रन यश दूबे ने बनाये, वो इस सीजन सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में चौथे नंबर पर हैं, यश को भी फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते हुए 4 साल ही हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्होने इस सीजन में बड़ी संजीदगी से बल्लेबाजी की, उन्होने रजत की तरह मुंबई के खिलाफ फाइनल में शतकीय पारी खेली, वो आमतौर पर निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हैं, लेकिन कोच पंडित ने उनसे बीच सीजन में ही ओपनिंग कराने का फैसला लिया, जिस पर वो खरे भी उतरे, उन्होने पारी की शुरुआत करते हुए केरल के खिलाफ 289 रनों की पारी खेली, हालांकि पंजाब और बंगाल के खिलाफ उनका बल्ला नहीं चला, लेकिन फाइनल में मुंबई के खिलाफ शतक ठोक टीम को चैंपियन बनाने में भूमिका निभाई।