महाराष्‍ट्र में अब बीजेपी सरकार ! उद्धव सरकार का टिकना भी हुआ मुश्किल, समझें सियासी गणित

महाराष्ट्र विधानसभा में इस वक्त कुल 287 विधायक हैं । इनमें अगर शिवसेना के 39 बागी विधायक फ्लोर टेस्ट से गायब रहते हैं तो सदन की संख्या घटकर 248 हो जाएगी । ऐसे में बीजेपी के पास सुनहरा मौका होगा ।

New Delhi, Jun 28: महाराष्ट्र में सियासी हलचल और तेज हो गई है । सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे गुट को राहत दे दी है, जिसके बाद फ्लोर टेस्ट को लेकर राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई है । बीजेपी सूत्रों के मुताबिक उद्धव सरकार के खिलाफ अब कभी भी अविश्वास प्रस्ताव आ सकता है । वहीं खबर है कि उद्धव सरकार के तख्तापलट के बाद बनने वाले सियासी हालात के लिए बीजेपी ने पूरी तैयारी कर ली है । इतना ही नहीं, शिंदे गुट के समर्थन के बिना भी बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है ।

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अगर गिर जाए अघाड़ी सरकार …
दरअसल एकसा कहा जा रहा है कि बीजेपी अब पूरी तरह से तैयार है, महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट में अगर महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर जाती है तो महाराष्ट्र की सत्ता पर बीजेपी कैसे वापसी करेगी इसे लेकर रणनीति लगभग तय है । सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के पास सरकार बनाने का पूरा खाका तैयार है, वो भी तब जब शिंदे गुट के 39 विधायक गुवाहाटी में हैं ।

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ये है सियासी गणित
महाराष्ट्र विधानसभा में इस समय कुल 287 विधायक हैं । इनमें अगर शिवसेना के 39 बागी विधायक फ्लोर टेस्ट में गायब रहते हैं तो सदन की संख्या घटकर 248 हो जाएगी । ऐसी स्थिति में बहुमत के लिए मात्र 125 विधायकों की दरकार होगी । बीजेपी के पास 106 विधायक अपने हैं, साथ ही उसके समर्थन वाले 7 निर्दलीय और अन्य विधायक हैं । बीजेपी को पूरा भरोसा है कि शिंदे गुट के 11 निर्दलीय विधायक उनके साथ आ जाएंगे । इसके अलावा राज ठाकरे की पार्टी के एक विधायक का भी बीजेपी को समर्थन मिल जाएगा ।

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उद्धव सरकार की मुश्किलें
बीजेपी का दावा तो बहुजन विकास अघाड़ी के तीन विधायकों पर भी है । अब ये सारे आंकड़े जोड़ें तो मिलता है 128 का आंड़ां जो कि बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है. । वहीं बीजेपी के सूत्रों के हिसाब से महाविकास अघाड़ी की सरकार अब अल्पमत में है । दरअसल, महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना के पास कुल 16 विधायक ही बचे हैं । एनसीपी के पास हैं तो 53 विधायक लेकिन अनिल देशमुख और नवाब मलिक के जेल में होने के कारण वो संख्या 51 हो जाती है । कांग्रेस के पास भी 44 विधायक हैं । समाजवादी पार्टी के 2 और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिल सकता है तो ये कुल संख्या 116 हो रही है जो बहुमत से कम है । ऐसे में उद्धव ठाकरे के लिए वर्तमान हालत में फ्लोर टेस्‍ट पास करना मुश्किल है ।