एकनाथ शिंदे के बागी होते ही फडण्वीस से मिले थे उद्धव ठाकरे, अमित शाह को भी किया था फोन

उद्धव ठाकरे ने कथित तौर पर पीएम मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया था, हालांकि उन्होने कोई जवाब नहीं दिया।

New Delhi, Jul 17 : महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने एकनाश शिंदे के बगावती तेवर दिखाने के बाद देवेन्द्र फडण्वीस से संपर्क साधा था, इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों का दावा है कि उद्धव ने व्यक्तिगत रुप से देवेन्द्र फडण्वीस से बात की थी, और प्रस्तवा दिया था कि बीजेपी को उनसे सीधे तौर पर निपटना चाहिये, ताकि एकनाथ शिंदे को समर्थन देने के बजाय पूरी पार्टी उनके साथ आ सके, हालांकि बीजेपी नेता ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, सूत्रों ने ये भी दावा किया कि ये बातचीत फडण्वीस और ठाकरे के बीच आमने-सामने हुई थी।

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अमित शाह को फोन
उद्धव ठाकरे ने कथित तौर पर पीएम मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया था, amit shah हालांकि उन्होने कोई जवाब नहीं दिया, आपको बता दें कि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने 2019 में उद्धव ठाकरे तक पहुंचने की भरपूर कोशिश की थी, लेकिन तब उन्होने किसी से भी बात नहीं की थी।

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पार्टी ही तोड़ दी
ये सब शुरु हुआ जब महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे को एमएलसी चुनाव में क्रॉस वोटिंग का संदेह हुआ, उन्होने शिवसेना के सभी विधायकों की तत्काल मीटिंग बुलाई, uddhav thackeray-5 हालांकि शिवसेना नेता तथा मंत्री एकनाथ शिंदे तब तक 11 विधायकों के साथ लापता हो चुके थे, इसके बाद बीजेपी नेता देवेन्द्र फडण्वीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की, उन्हें राज्य विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की मांग वाला एक लेटर सौंपा, बीजेपी की अपील के बाद राज्यपाल ने 30 जून को विधानसभा में बहुमत साबित करने के निर्देश जारी किये।

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हाईकमान से निर्देश
इसके तुरंत बाद फडण्वीस ने एकनाथ शिंदे को अगले सीएम के रुप में घोषित किया, साथ ही बताया कि वो राज्य सरकार का हिस्सा नहीं होंगे, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तब फडण्वीस को मनाया, जिसके बाद वो डिप्टी सीएम पद के लिये राजी हो गये। बीजेपी ने फैसला किया, कि वो उद्धव को छोड़कर शिवसेना को चाहते हैं, उसके बाद हाल ही में उद्धव ठाकरे को मुर्मू का समर्थन करने के लिये लेटर लिखने वाले कुछ सांसदों से शिवसेना प्रमुख ने मध्यस्थता में सहायता करने का अनुरोध किया था, shinde fadanvis जब वो उद्धव से मिले, तो उन्होने उनसे कहा कि बीजेपी तक पहुंचने की उनकी कोशिशों का कोई नतीजा नहीं निकला, यहां तक कि सांसदों को भी बीजेपी नेतृत्व की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। कहा जाता है कि शिवसेना के कुछ कार्यकर्ता एकनाथ शिंदे के पास भी पहुंचे थे, जो रश्मि ठाकरे के संदेश को ले जाने का दावा कर रहे थे, लेकिन शिंदे ने साफ शब्दों में समझौते से इंकार कर दिया।