चीन की सैन्‍य शक्ति के सामने कब तक टिकेगा ताइवान, युद्ध हुआ तो कौन किस पर पड़ेगा भारी?

ताइवान, चीन के बीच युद्ध की पूरी संभावननाएं बन रही हैं । लेकिन दोनों देशों की सैन्‍यशक्ति कितनी है, कौन कब तक टिकेगा इसके बारे में आगे विस्‍तार से पढ़ें ।

New Delhi, Aug 06: चीन की तुलना में ताइवान छोटा सा देश है । क्षेत्रफल के मामले में ये चीन के सामने नहीं टिकता । लेकिन बात अगर सैन्‍य शक्ति, हथियारों की करें तो ताइवान युद्ध में लंबा टिक सकता है । ताइवान के पास मौजूद हथियारों का 60 फीसदी हिस्‍सा अमेरिका से खरीदा गया है । हालांकि सैन्य ताकत के मामले में चीन पूरी दुनिया में तीसरे स्थान पर है, ताइवान लिस्‍ट में काफी नीचे है । आगे आपको दोनों देशों की सैन्‍य शक्ति के बारे में बताते हैं ।

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चीन दिखा रहा सैन्‍य ताकत
अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा से चीन आग बबूला हो गया है। यही वजह है कि अपनी सैन्य ताकत दिखाने के लिए चीन ने ताइवान के चारों तरफ युद्धाभ्यास का ऐलान किया है। जिसमें चीन की जल, थल और वायु सेना एक साथ अपनी ताकत दिखाने वाली हैं। जानकारों के मुताबिक ये युद्धाभ्यास ताइवान और अमेरिका के लिए सीधी चेतावनी माना जा रहा है। चीनी मीडिया का तो यह भी दावा है कि युद्धाभ्यास के दौरान ताइवान बॉर्डर का भी लिहाज नहीं रखा जाएगा । हालांकि, जानकारों का मानना है कि चीन वर्तमान समय में ताइवान पर सीधे आक्रमण करने का जोखिम नहीं उठा सकता है। बहरहाल दोनों देशों की सैन्‍य शक्ति पर आइए एक नजर डालते हैं ।

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ताइवान और चीन की ताकत
ताइवान का 60 फीसदी हथियार अमेरिका का है । उसके पास शक्तिशाली फौज भी है । इतना ही नहीं ताइवान ने अपनी खुद की भी हथियार इंडस्ट्री मजबूत की हुई है । ताइवान के पास अमेरिका निर्मित पेट्रियॉट एयर डिफेंस सिस्टम है, यह सिस्टम चीन की हाइपरसोनिक मिसाइलों के अलावा हर तरह के हवाई हमलों को रोकने में सक्षम है। जबकि बात करें चीन की तो उसके पास ऐसे हथियार हैं जिनसे अमेरिका भी खौफ खाता है ।

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चीन के पास हथियारों का जखीरा
चीन के पास दुनिया की तीसरी बड़ी सेना है । संख्याबल के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी थल सेना और नौसेना है। इसके अलावा चीन की वायु सेना दुनिया में तीसरे स्थान पर है। चीन वर्तमान में अपना क्षेत्रफल हथियारों की भूख अभी शांत नहीं हुई है। चीन लगातार अपने रक्षा बजट में भी बढ़ोत्तरी कर रहा है। चीन ताइवान को अपने देश का अभिन्न अंग बताता है, इस बात का विरोध करने पर जंग की धमकी देता है।