क्यों पलटी मार गये नीतीश कुमार?, पार्टी होने वाली थी दो फाड़, परदे के पीछे की पूरी कहानी
खेला हो गया बिहार में, आरसीपी सिंह जदयू के 20 विधायक लेके अलग होने वाले थे, बीजेपी ने ये गेम फिक्स्ड कर रखा था, महाराष्ट्र दोहराने की पूरी कोशिश की जा रही थी।
New Delhi, Aug 10 : बिहार में एक बार फिर सियासी भूचाल आया है, सीएम नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़कर राजद के साथ गठबंधन का ऐलान किया है, इसके साथ ही तरह-तरह की बातें की जा रही है, नीतीश को कोई पलटू चाचा तो कोई मास्टर स्ट्रोक कह रहा है, हालांकि इन सब के बीच बड़ी खबर ये है कि आखिर ऐसी नौबत क्यों आई, कि नीतीश बीजेपी से अलग होकर राजद के साथ चले गये, आइये अंदरखाने की खबर आपको बताते हैं।
जदयू होने वाली थी दो फाड़
रामानंद राय नाम के राजनीतिक विश्लेषक ने फेसबुक पर लिखा है, खेला हो गया बिहार में, आरसीपी सिंह जदयू के 20 विधायक लेके अलग होने वाले थे, बीजेपी ने ये गेम फिक्स्ड कर रखा था, महाराष्ट्र दोहराने की पूरी कोशिश की जा रही थी, आरसीपी सिंह बिहार में बीजेपी के लिये शिंदे के रोल में थे।
मोदी ने मंत्री बनाया
उन्होने ये भी बताया है कि नीतीश ने 2019 में मोदी सरकार में शामिल होने से मना किया था, हालांकि बाद में आरसीपी सिंह शामिल हो गये, तब बाहर कोई खबर नहीं आई थी, लेकिन अब कहा जा रहा है कि सुशासन बाबू इसके लिये राजी नहीं थे, आरसीपी सिंह को जदयू के अंदर नया नेता खड़ा करके विधायकों को उनके पाले में बीजेपी करना चाहती थी, कम अनुभव की वजह से उद्धव ठाकरे मात खा गये, लेकिन नीतीश को राजनीति के बड़े खिलाड़ी हैं, उन्होने पार्टी टूटने की आशंका देखते ही सबसे पहले आरसीपी को ठिकाने लगाया, फिर अब बीजेपी के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया।
जदयू को तोड़ने का खेल
आपको बता दें कि पिछले दिनों दिवंगत नेता रामविलास पासवान की पार्टी भी दो फाड़ हो गई, चिराग पासवान अकेले बच गये, बाकी 5 सांसद उनके चाचा पशुपति पारस के साथ चले गये, कहा जाता है कि चिराग की पार्टी को तोड़ने में नीतीश कुमार के करीबी ललन सिंह का हाथ है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है, लेकिन चिराग पिछले 2 साल से लगातार सीएम नीतीश के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं।