शनि देव की तरह ही तुनक मिजाज है उनकी बहन भद्रा, जानिये क्यों देती है अशुभ फल?
रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में राखी बांधी थी, फिर उसके एक साल के भीतर ही भगवान राम ने रावण को मार दिया, इसलिये भद्रा काल में राखी भी नहीं बांधी जाती।
New Delhi, Aug 10 : हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का खास महत्व है, ये त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस साल इस त्योहार का भद्रा काल का साया रहेगा, भद्रा काल को शुभ नहीं माना जाता है, भद्रा में ना तो राखी बांधी जाती है और ना ही पूजा-पाठ, नये काम, गृह प्रवेश, मुंडन आदि शुभ काम किये जाते हैं, भद्रा काल में किये गये शुभ काम भी अशुभ फल देते हैं, इसलिये भद्रा काल से बचना ही बेहतर होता है।
शनि जैसी ही खतरनाक है उनकी बहन
भद्रा सूर्य देव तथा उनकी पत्नी छाया की बेटी हैं, साथ ही शनि देव की सगी बहन हैं, जिस तरह शनि देव का स्वाभाव सख्त तथा जल्द नाराज होने वाला है, वैसे ही उनकी बहन भद्रा भी उसी मिजाज की है, पौराणिक कथाओं के अनुसार भद्रा बेहद कुरुप है।
बचपन से ही उदंड
बचपन से ही वो ऋषि-मुनिया के यज्ञ-अनुष्ठानों में बाधाएं डालने का काम करने लगी थी, तब सूर्य देव ने चिंतित होकर ब्रह्मा जी से सलाह मांगी, तब बह्मा जी ने भद्रा की उदंडता को काबू करने के लिये पंचांग के एक प्रमुख अंग विष्टी कारण में जगह दे दी, साथ ही कहा कि अब जो भी तुम्हारे समय में कोई शुभ काम करे, तो तुम उस काम में विध्न डालना, तब से ही भद्रा काल में कोई शुभ काम नहीं किया जाता है।
राखी भी नहीं बांधते
गृह प्रवेश, नये काम की शुरुआत करना, पूजा अनुष्ठान, मुंडन-जनेऊ संस्कार आदि के अलावा भद्रा काल में राखी बांधने पर भी रोक है, दरअसल रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में राखी बांधी थी, फिर उसके एक साल के भीतर ही भगवान राम ने रावण को मार दिया, इसलिये भद्रा काल में राखी भी नहीं बांधी जाती, इस साल 11 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल रहेगा, इसलिये कई लोग 12 अगस्त की सुबह रक्षाबंधन मनाएंगे।
(डिस्क्लेमर- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्याताओं और जानकारियों पर आधारित है, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)