2 दिन पहले नीतीश और अमित शाह में फोन पर हुई थी बात, ललन सिंह का बड़ा दावा
ललन सिंह ने ये भी कहा कि उनके पास ऐसा कोई नेता नहीं था, जो राजद से संपर्क साध पाता, सिर्फ एक ही नेता आरसीपी सिंह उनके खेमे में थे, लेकिन नीतीश जी ने पहले ही उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया।
New Delhi, Aug 11 : बिहार में नई सरकार बन चुकी है, नीतीश और तेजस्वी की जुगलबंदी होने के बाद बीजेपी नेता तरह-तरह के दावे कर रहे हैं, तो जदयू भी पलटवार कर रही है, नीतीश की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का दावा है कि बीजेपी के कुछ नेताओं ने तेजस्वी से गुजारिश की थी कि नीतीश के साथ सरकार बना लेना लेकिन 3-4 दिन रुक जाओ, वो हर हाल में हमारा गठबंधन रोकने पर आमदा थे।
राजद को तोड़ने की कोशिश
ललन सिंह ने ये भी कहा कि उनके पास ऐसा कोई नेता नहीं था, जो राजद से संपर्क साध पाता, सिर्फ एक ही नेता आरसीपी सिंह उनके खेमे में थे, लेकिन नीतीश जी ने पहले ही उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया, उनका कहना था कि बीजेपी इस कदर बिफरी हुई थी कि उसने बिहार की सियासत में मौजूद छोटे-छोटे दलों से भी कहा कि वो नीतीश के साथ ना जाए।
अमित शाह से फोन पर बात
आपको बता दें कि बीजेपी की ओर से सुशील कुमार मोदी ने दावा किया था कि दो दिन पहले अमित शाह ने सीएम नीतीश को फोन कर मीडिया में चल रही खबरों के बारे में पूछा, तो उनका कहना था कि चिंता की कोई बात नहीं है, लेकिन फिर उन्होने राजद से हाथ मिलाकर बीजेपी की दोस्ती को अलविदा कह दिया।
नीतीश ने क्या कहा
दूसरी ओर नीतीश ने तेजस्वी के साथ बिहार के सीएम पद की शपथ ली है, तेजस्वी को डिप्टी सीएम बनाया गया है, नीतीश ने शपथ लेने के बाद मोदी को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि जो 2014 में प्रधानमंत्री बन गये थे, वो 2024 में कैसे बनते हैं, ये देखेंगे, नीतीश के इस बयान के कई मायने देखे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुछ अरसे तक सीएम की कुर्सी पर रहने के बाद विपक्ष की एकता के लिये कोशिशें शुरु कर देंगे, हालांकि सीएम वो ही रहेंगे लेकिन पावर तेजस्वी के पास रहेगी।