क्या है दिल्ली की नई आबकारी नीति?, जिसकी वजह से मनीष सिसोदिया के घर हुई CBI छापेमारी

शुक्रवार सुबह सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की, ये छापेमारी शराब नीति से जुड़े घोटाला के आरोपों की जांच के लिये हुई।

New Delhi, Aug 20 : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर 15 घंटे की कार्रवाई के बाद शुक्रवार देर रात सीबीआई टीम निकल गई, मनीष के घर के साथ सीबीआई ने शुक्रवार को सात राज्यों में 31 ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन ये शायद कार्रवाई की शुरुआत है, शायद यही वजह है कि मनीष सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई को ऊपर से कंट्रोल किया जा रहा है, और उनका निजी कंप्यूटर तथा मोबाइल फोन भी सीबीआई टीम ले गई, रिपोर्ट के अनुसार मनीष सिसोदिया के घर से सीबीआई ने कुछ अहम दस्तावेज तथा इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस बरामद किये हैं।

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सीबीआई की छापेमारी
शुक्रवार सुबह सीबीआई ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की, ये छापेमारी शराब नीति से जुड़े घोटाला के आरोपों की जांच के लिये हुई, CBI लेकिन शुक्रवार को दिल्ली की राजनीति का पहिया शराब, शिक्षा, सीबीआई और सियासत इन चार शब्दों के ईद-गिर्द घूमता रहा, मनीष के पास दिल्ली में आबकारी विभाग भी है, छापेमारी खत्म होने से पहले ही केजरीवाल ने अपने करीबी सहयोगी तथा डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को क्लीन चिट दे दी, जिस पर केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने चुटकी लेते हुए कहा कि दिल्ली के एक्साइज मिनिस्टर तो एक्सक्यूज मिनिस्टर निकले।

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केजरीवाल ने किया बचाव
इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मीडिया के सामने अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी स्टोरी की कॉपी लेकर आये, जिसमें दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर केजरीवाल सरकार के प्रदर्शन की सराहना की गई है, केजरीवाल ने कहा कि बतौर शिक्षा मंत्री उनके काम की तारीफ अमेरिकी अखबार ने की, आप ने न्यूयॉर्क टाइम्स की स्टोरी का जिक्र करते हुए एक तरफ जहां मनीष सिसोदिया का बचाव किया, वहीं बीजेपी ने इस पर सवाल उठाये।

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क्या है दिल्ली की नई शराब नीति
दिल्ली की नई शराब नीति क्या है, जिसे लेकर इतना विवाद हो रहा है, इसी में घोटाले के आरोप में सिसोदिया के घर सीबीआई ने छापेमारी की, दरअसल नई शराब नीति लाने के पीछे केजरीवाल सरकार का मुख्य तर्क था कि वो शराब की कालाबाजारी खत्म करना चाहते हैं, सरकार का राजस्व बढाना चाहते हैं, केजरीवाल सरकार मई 2020 में विधानसभा में नई शराब नीति लेकर आई, इसे नवंबर 2021 में लागू कर दिया गया, इसके तहत पूरी दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया, हर जोन में 27 लिकर वेंडर यानी शराब विक्रेता को इजाजत दी गई, नई शराब नीति में फैसला लिया गया कि अब दिल्ली सरकार शराब नहीं बेचेगी, यानी सरकारी दुकानों पर शराब नहीं बिकेगी, सिर्फ प्राइवेट दुकानों से शराब बिकेगी। हर वार्ड में 2 से 3 वेंडर को शराब बेचने की अनुमति होगी, शराब दुकानों के लिये लाइसेंस देने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा, इस नीति के तहत दिल्ली में शराब की बिक्री की व्यवस्था में कई तरह के बदलाव आये, नई शराब नीति में दुकानदारों को छूट दी गई थी, वो एमआरपी पर शराब बेचने के लिये बाध्य नहीं है। साथ ही दुकानदारों ने जमकर छूट देनी शुरु की, जिससे शराब की बिक्री बढ गई, नई शराब नीति में दिल्ली में शराब पीने की कानूनी उम्र सीमा 25 से घटाकर 21 साल कर दी गई, लेकिन खुली जगहों पर शराब पीने पर रोक लगा दी गई।

बीजेपी ने किया विरोध
बीजेपी ने केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति का विरोध किया, बीजेपी का आरोप है कि राजस्व बढाने के नाम पर केजरीवाल सरकार दिल्ली को शराब में डुबोना चाहती है, जगह-जगह शराब की नई दुकानें खुलने लगी, नई आबकारी नीति लागू होने के बाद प्राइवेट शराब की दुकानों की संख्या 250 से बढकर 850 हो गई, छोटे शराब व्यापारियों ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार बड़े कारोबारियों के एकाधिकार को बढावा दे रही है, इसके अलावा केजरीवाल सरकार पर नई शराब को लेकर कई गंभीर आरोप भी हैं।