अंकिता केस- ग्राहकों को ‘खास सेवा’ नहीं दी, तो ले ली जान, पढाई बीच में छोड़ शुरु की थी नौकरी

उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस को अब ऐसे सबूत मिले हैं, जो बताते हैं कि आरोपित कथित तौर पर रिजॉर्ट में कुछ मेहमानों को खास सेवा प्रदान करने के लिये अंकिता पर दबाव डाल रहे थे।

New Delhi, Sep 25 : उत्तराखंड की अंकिता भंडारी की हत्या सिर्फ इसलिये कर दी गई, क्योंकि उन्होने होटल मालिक के कहने पर कस्टमर को खास सेवा देने से मना कर दिया था, अंकिता के पिता सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते थे, लेकिन जब उन्होने नौकरी छोड़ दी, तो घर चलाने के लिये अंकिता ने काम करना शुरु कर दिया, अंकिता ने एक रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर नौकरी शुरु की थी, लेकिन अंकिता की जिंदगी इतनी छोटी रही, कि उन्हें पहली सैलरी तक नहीं मिली।

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शव बरामद
उत्तराखंड के लक्ष्मण झूला इलाके में स्थित एक रिजॉर्ट से लापता होने के 6 दिन बाद शनिवार को पुलिस ने अंकिता के शव को नहर से बरामद किया, पुलिस ने शुक्रवार को रिजॉर्ट के मालिक और उत्तराखंड सरकार में पूर्व मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य को गिरफ्तार किया है, पुलिस ने कहा कि पुलकित ने कथित तौर पर विवाद के बाद अंकिता को नहर में धकेलने की बात कबूली है, रिजॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित नाम के एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है। परिजनों ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आने तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, अंकिता के भाई अजय सिंह भंडारी ने कहा कि जब तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आ जाती, हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, हमने उसकी प्रोविजनल रिपोर्ट में देखा कि उसे पीटा गया, नदी में फेंक दिया गया, लेकिन हम अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

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खास सेवा
द संडे एक्सप्रेस से बात करते हुए उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस को अब ऐसे सबूत मिले हैं, जो बताते हैं कि आरोपित कथित तौर पर रिजॉर्ट में कुछ मेहमानों को खास सेवा प्रदान करने के लिये अंकिता पर दबाव डाल रहे थे, जब अंकिता ने विरोध किया, तो उसे मार दिया, अंकिता के परिवार के लोगों के मुताबिक उसने 28 अगस्त को अपने घर दोभ श्रीकोट गांव से करीब 130 किमी दूर रिजॉर्ट में नौकरी के लिये गई थी, अंकिता के पिता के बड़े भाई राजेन्द्र भंडारी की पत्नी लीलावती ने कहा कि परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण अंकिता को 12वीं के बाद ही पढाई छोड़नी पड़ी, उसने काम करना शुरु कर दिया, अंकिता के पिता वीरेन्द्र भंडारी चौरास बांध पर निजी सुरक्षा गार्ड के रुप में काम करते थे, लेकिन कुछ साल पहले उन्होने काम छोड़ दिया, परिवार में एकमात्र कमाने वाले सदस्य अंकिता की मां सोनी भंडारी है, जो एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रुप में काम करती है, उसका बड़ा भाई सचिन दिल्ली में पढाई कर रहा है।

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10 हजार की नौकरी
लीलावती ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, यही वजह से नौकरी के लिये अंकिता को गांव छोड़कर रिजॉर्ट में शिफ्ट होना पड़ा, हमें पता नहीं है कि रिजॉर्ट से कैसे अंकिता से संपर्क किया, लेकिन 28 अगस्त को रिजॉर्ट से एक कार उसे लेने आई थी, उसे रिजॉर्ट में ही एक कमरा दिया गया था, वो वहीं रहती थी, रिसेप्शनिस्ट की नौकरी के लिये उसे 10 हजार रुपये प्रति महीने सैलरी की पेशकश की गई थी, लेकिन हमें क्या पता था कि वो पहली सैलरी लेने से पहले ही मार दी जाएगी। लीलावती ने बताया कि अंकिता पढाई के लिये काफी उत्सुक थी, जब परिवार की देखभाल करने के लिये उसे अपनी पढाई छोड़नी पड़ी, तो हमें निराशा हुई, लेकिन हमने ये भी सोचा कि शायद वो जो कर रही है, उसमें उसका भविष्य बनेगा, हालांकि अंकिता के जाने के कुछ ही दिनों बाद उसकी मां ने मुझे बताया कि अंकिता की आवाज अब वैसी नहीं है, ऐसा लग रहा है कि कोई चीज उसे परेशान कर रही है, लीलावती ने कहा कि उस समय हमने इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा, लेकिन तब सोचना चाहिये था।

चैट बरामद
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस ने अंकिता और जम्मू में रहने वाले उसके एक दोस्त के बीच एक व्हाट्सएप्प चैट बरामद की है, उन्होने कहा कि चैट में उसने स्पष्ट किया, कि आरोपित चाहते हैं कि वो विशेष सेवा प्रदान करे, उसका दोस्त और चैट हमारे लिये प्रमुख सबूत है, इसके अलावा हमें उसी नहर से शव मिला है, जिसमें आरोपित ने उसे धक्का देने की बात कबूली है, व्हाट्सएप्प चैट के मुताबिक पुलिस सूत्रों ने बताया कि अंकिता ने बताया था कि वो रिजॉर्ट में असुरक्षित महसूस कर रही है, एक आरोपित ने कथित तौर पर उसे 10 हजार रुपये के बदले में खास सेवा देने के लिये कहा था।