25 करोड़ का लॉटरी जीत कर भी खुश नहीं है ये ऑटोचालक, इस बात का रो रहा रोना

25 करोड़ वाले शख्स का नाम अनूप है, जो पेशे से एक ऑटो चालक हैं, केरल सरकार के मेगा ओनम राफेल ड्रा के लिये उन्होने अपनी बचत की गुल्लक तोड़कर एक टिकट खरीदा था, जिसने रातों-रात उनकी जिंदगी बदल दी।

New Delhi, Sep 26 : टीवी तथा सिनेमा का समाज पर गहरा असर होता है, एक निजी चैनल पर प्रसारित हो रहे शो की वजह से देशभर में करोड़पति शब्द की खूब चर्चा हो रही है, कहीं ज्ञान के नाम पर पैसा बंट रहा है, तो कहीं सरकार ही करोड़ों की लॉटरी का लकी ड्रा निकालकर लोगों की किस्मत बदल रही है, इस बीच भारत में एक ऐसा शख्स भी है, जो 25 करोड़ जीतने के बाद भी खुश नहीं है, आइये जानते हैं आखिर क्या है इसकी वजह।

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केरल सरकार ने किया मालामाल
25 करोड़ वाले शख्स का नाम अनूप है, जो पेशे से एक ऑटो चालक हैं, Indian Rupees केरल सरकार के मेगा ओनम राफेल ड्रा के लिये उन्होने अपनी बचत की गुल्लक तोड़कर एक टिकट खरीदा था, जिसने रातों-रात उनकी जिंदगी बदल दी, जैसे ही उनके करोड़पति बनने का ऐलान हुआ, तो उन्होने भी अपने परिजनों के साथ जमकर खुशियां मनाई।

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4 दिन की चांदनी फिर जीना मुहाल
न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार अचानक से लोगों ने उनका जीना हराम कर दिया है, अब अनूप अपनी किस्मत का रोना, अपने दिमाग की शांति के लिये ऐसे लोगों से छुटकारा पाना चाहते हैं, Rupees (1) अनूप का कहना है कि उन्हें अपनी जीत पर पछतावा हो रहा है, सोशल मीडिया पर अपनी बात रखते हुए अनूप ने कहा मैंने मन की शांति खो दी है, मैं अपने घर में भी नहीं रह सकता, क्योंकि मैं उन लोगों से घिरा हुआ हूं, जो अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिये मुझसे मिलना चाहते हैं, परेशान होकर मैं जगह बदलता रहता हूं।

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मिलेंगे 16.25 करोड़ 
अनूप ने ये भी कहा कि मैं अपने घर से बाहर भी नहीं निकल पा रहा हूं, लोग मेरे पीछे पड़ गये हैं, लगातार मदद चाह रहे हैं, वो इसके लिये मुझ पर दबाव बना रहे हैं, ऐसे-ऐसे लोग पैसे मांग रहे हैं, जिन्हें मैं जानता तक नहीं हूं, rupees अनूप अब अपने सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल लोगों को ये बताने के लिये भी कर रहे हैं कि उन्हें अभी तक पैसा नहीं मिला है, आपको बता दें कि सरकारी नियमों के तहत टैक्स काटकर उनके खाते में 16.25 करोड़ रुपये आने हैं, अनूप ने कहा कि मदद मांगने वालों में दूर-दूर के रिश्तेदारों के अलावा एनजीओ और समाजसेवी संगठन के लोग आ रहे हैं, लोग बधाई देने के बहाने आते हैं, घंटों तक घर के बाहर बैठे रहते हैं।

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