17 महीने तक आईटी अधिकारी के जिंदा होने की आस, घर में ही रखा शव, पूरा मामला

विमलेश का परिवार मोहल्ले के लोगों से भी ज्यादा बोलचाल नहीं रखता है, आसपास के रहने वाले लोग भी हैरान हैं कि आखिर उन तक कोई बदबू नहीं पहुंची।

New Delhi, Sep 29 : यूपी के कानपुर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, दरअसल यहां पर 17 महीनों तक परिवार वाले एक मुर्दा को जिंदा समझकर उसकी देख-रेख करते रहे, मन बहलाते रहे कि वो जिंदा है, ना जाने क्या-क्या कर दिया, इन 17 महीनों में, आइये आपको पूरा मामला बताते हैं।

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17 महीने से अंतिम संस्कार का इंतजार
कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी इलाके में रहने वाले विमलेश कुमार 17 महीने तक मरने के बाद भी अपने अंतिम संस्कार का इंतजार करते रहे, वो भी सिर्फ इसलिये कि उनके परिवार वाले उन्हें जबरन जिंदा रखे हुए थे। उनके साथ रोजाना नये-नये कार्य किये जा रहे थे, जांच करने गई टीम की मानें, तो यहां पर विमलेश के शव के साथ जिस ऑक्सीमीटर का प्रयोग किया जा रहा था, उसका मीटर भी खराब था, और तो और रोजाना पूजा पाठ करने वाले झाड़-फूंक करने वाले भी यहां पर आया करते थे। विमलेश के परिवार का ये हाल तब है, जब सभी पढे-लिखे हैं, गवर्नमेंट नौकरी कर रहे हैं, पत्नी बैंक में अधिकारी है, भाई सिंचाई विभाग में है, एक भाई ठेकेदारी करता है, लेकिन इसके बावजूद भी अंधविश्वास और मानसिक स्थिति सही ना होने की वजह से 17 महीनों तक इस तरह की क्रिया कलाप घर वाले विमलेश के साथ करते रहे।

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जांच कमेटी
जब आयकर विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई, तो उन्होने स्वास्थ्य महकमे को लिखा, और फिर क्या था, खुलासा ऐसा हुआ, जो सबको हैरान कर गया, विमलेश के अंतिम संस्कार के साथ कई सवाल भी खड़े हो गये, dead body जिनका जवाब मिलना अभी बाकी है, फिलहाल पुलिस ने जांच कमेटी बना दी है, साथ ही जिलाधिकारी ने भी मनोचिकित्सक की एक टीम बनाई है, जो लगातार घर वालों के पास जाकर उनकी काउंसिलिंग कर रही है, उनसे ये जानने की कोशिश कर रही है कि आखिर 17 महीने तक विमलेश के शव को क्यों रखा गया, विमलेश के भाई सिर्फ एक ही बात कह रहे हैं कि वो अभी भी जिंदा थे, बस अभी मरे हैं, परिजन ज्यादा बोलने से बचते नजर आ रहे हैं।

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परिवार मोहल्ले के लोगों से भी बोलचाल नहीं रखता
विमलेश का परिवार मोहल्ले के लोगों से भी ज्यादा बोलचाल नहीं रखता है, आसपास के रहने वाले लोग भी हैरान हैं कि आखिर उन तक कोई बदबू नहीं पहुंची, 17 महीने तक क्यों विमलेश के शव को घर में रखा गया, हालांकि मोहल्ले के लोगों शक जरुर था कि आये दिन झाड़-फूंक वाले आते रहते थे, मोहल्ले के लोगों का कहना है कि माताजी काफी झाड़-फूंक करती है, रोजाना कोई ना कोई मौलाना या मौलवी आते रहते थे, फिलहाल इस पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि कोई भी अपराध की स्थिति यहां पर समझ में नहीं आ रही है, अभी तक जांच में कोई अपराध सामने नहीं आया है, फिलहाल जांच चल रही है, जैसे ही तथ्य सामने आएंगे, आगे की कार्रवाई की जाएगी, वहीं मौके पर पहुंची मनोचिकित्सक की टीम भी कैमरे पर कुछ भी बोलने से बचती नजर आ रही है।