देश को मिला नया सीडीएस, जानिये देश को क्यों पड़ी इस पद की जरुरत, सैलरी और सुविधाएं

देश में पहली बार इस पद की जरुरत 1999 के कारगिल युद्ध के समय पड़ी थी, के सुब्रमण्यम कमेटी ने 1999 में भारत सरकार को सिफारिश की थी, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये एक ऐसा पद होना चाहिये।

New Delhi, Sep 29 : देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत के 9 महीने बाद सरकार ने बुधवार को लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान को नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया है, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान वर्तमान में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में मिलिट्री एडवाइजर के पद पर अपनी सेवा दे रहे थे। आइये जानते हैं कि आखिर देख के सीडीएस पद के क्या विशेषाधिकार होते हैं, इस पद की जरुरत क्यों पड़ी, साथ ही हम आपको ये भी बताएंगे कि देश के सीडीएस को क्या सुविधाएं तथा भत्ते मिलते हैं।

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क्यों पड़ी सीडीएस की जरुरत
देश में पहली बार इस पद की जरुरत 1999 के कारगिल युद्ध के समय पड़ी थी, के सुब्रमण्यम कमेटी ने 1999 में भारत सरकार को सिफारिश की थी, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये एक ऐसा पद होना चाहिये, जो रक्षा मामले में समय रहते अपेक्षाकृत सही तथा प्रभावी फैसले ले सके, इस कमेटी की सिफारिश के आधार पर 2001 के कुछ मंत्रियों के समूह ने सीडीएस पद बनाने की आधिकारिक सिफारिश की थी। इस सिफारिश के बावजूद कई प्रशासनिक तथा राजनीतिक वजहों के कारण ऐसा नहीं किया जा सका। पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में सरकार के कई विभागों में अहम प्रशासनिक बदलावों को मंजूरी दी, इन सुधारों में एक पद सीडीएस का भी था, 15 अगस्त 2019 में लालकिले से पीएम मोदी ने इस पद के गठन की आधिकारिक घोषणा की, 24 दिसंबर 2019 को कैबिनेट ने इस पद के लिये जरुरी मंजूरी दो दी, जनरल बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को देश के पहले सीडीएस बने।

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क्या होते हैं विशेषाधिकार
सीडीएस के लिये रक्षा मंत्रालय के अधीन एक नया विभाग बनाया गया है, इस नवनिर्मित विभाग के नाम डिफेंस मिलिट्री डिपार्टमेंट है, ये रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है, इस विभाग में कुल 160 विभिन्न रैंक के रक्षा अधिकारियों को अटैच किया गया है, ये जानकारी 3 फरवरी 2020 को संसद के सत्र के दौरान रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने राज्यसभा में डॉ. टी सुब्बारामी रेड्डी को लिखित जवाब में दी थी, उनके विशेषाधिकार अग्रलिखित हैं।
सीडीएस बाकी तीन जनरलों में से प्रथम यानी फर्स्ट अमंग इक्कवल होगा, उनके पास जरुरत पड़ने पर अपनी अलग एक थिएटर कमांड बनाने का अधिकार होगा।
उनके पास तीनों सेनाओं साइबर और अंतरिक्ष से संबंधित सभी एजेंसियों को सीधे आदेश देने का अधिकार होगा।
सीडीएस राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यता में रक्षा मंत्री और रक्षा योजना समिति की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद का सदस्य होगा।
तीनों सेवाओं के बुनियादी ढांचे, उसकी तकनीक क्षमताओं और अन्य सभी तरह की ऑपरेशनल तैयारियों के बेहतर उपोयग के लिये इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
उनका मुख्य काम सभी रक्षा विभागों के लिये संयुक्त योजना और उनकी आवश्यकताओं के एकीकरण के माध्यम से तीनों सेवाओं के लिये खरीद, प्रशिक्षण और स्टाफिंग में संयुक्तता को बढावा देना होगा।

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कितनी सैलरी
सीडीएस को दी जाने वाली सैलरी और भत्ते बाकी 3 सैन्य प्रमुखों को दी जाने वाली सैलरी, भत्ते तथा सुविधाओं के समान ही होती है, उनका प्रोटोकॉल भी बाकी प्रमुखों के बराबर ही है, Indian Rupees आपको बता दें कि देश के सैन्य प्रमुखों को करीब 2.5 लाख रुपये प्रति महीने सैलरी मिलती है, साथ ही अन्य भत्ते और सुविधाएं दी जाती है।