झुग्गी में बीता बचपन, पिता चलाते हैं साइकिल रिपेयरिंग दुकान, बीजेपी ने बनाया उम्मीदवार

प्रदीप तिवारी उन 8 भाजयुमो कार्यकर्ताओं में से एक हैं, जिन्हें सीएम अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित घर के बाहर गेट तथा सीसीटीवी कैमरे तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

New Delhi, Nov 23 : दिल्ली में नगर निगम चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है, 4 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे, माना जा रहा है कि बीजेपी, आप और कांग्रेस के बीच टक्कर है, बीजेपी ने रमेश नगर वार्ड ने चुनावी मैदान में प्रदीप तिवारी को उतारा है, प्रदीप को इसी साल मार्च 2022 में सीएम केजरीवाल के आवास के बाहर तोड़-फोड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।

Advertisement

सीएम आवास पर तोड़-फोड़
प्रदीप तिवारी उन 8 भाजयुमो कार्यकर्ताओं में से एक हैं, जिन्हें सीएम अरविंद केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित घर के बाहर गेट तथा सीसीटीवी कैमरे तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, arvind Kejriwal बॉलीवुड फिल्म कश्मीर फाइल्स के खिलाफ केजरीवाल की टिप्पणी के बाद भाजयुमो नेता तेजस्वी सूर्या के नेतृत्व में विरोध-प्रदर्शन के दौरान सीएम आवास के मुख्य द्वार को लाल रंग से रंगा गया था।

Advertisement

बीजेपी गुंडे पैदा करती है
आप ने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि अब ये स्पष्ट हो गया है कि बीजेपी गुंडे और गुंडागर्दी पैदा करती है, गुंडागर्दी के लिये उनका सम्मान करती है, वहीं प्रदीप तिवारी ने कहा विरोध, धरना प्रदर्शन और हिंदू समाज के लिये लड़ाई आगे आने वाले समय में भी जारी रहेगी, समाज के खिलाफ जहां कभी भी गलत होगा, वहां आपको प्रदीप तिवारी जनता के लिये खड़ा दिखेगा। BJP flag प्रदीप ने कहा पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी अंत्योदय में विश्वास करते थे, उनका उद्देश्य देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना था, मैं अंतिम क्लस्टर से आने वाला अंतिम व्यक्ति हूं, पीएम मोदी जी की भी गरीब पृष्ठभूमि रही है, बीजेपी ने मुझ जैसे झुग्गी में रहने वाले को टिकट दिया है, प्रदीप बीजेपी द्वारा मैदान में उतारे गये सबसे युवा उम्मीदवार हैं, उन्हें पानी, सीवर तथा बुनियादी सुविधाओं जैसे मुद्दों को सक्रिय रुप से उठाने के लिये जाना जाता है।

Advertisement

पिता चलाते हैं साइकिल मरम्मत की दुकान
जेजे कलस्टर के निवासी से लेकर राजनीति की दुनिया में आने तक के सफर पर प्रदीप तिवारी ने कहा मेरे पिता एक छोटी सी साइकिल रिक्शा मरम्मत की दुकान चलाते हैं, हमारा 5 सदस्यीय परिवार एक कमरे के पोर्टा केबिन में रहता है, मैंने सरकारी स्कूल से पढाई की है, कानून में स्नातक किया है, जब 18-19 साल का था, तो मैं आरएसएस में शामिल हो गया, शिक्षा ने मुझे आत्मविश्वासी व्यक्ति बनने में मदद की, जिसके बाद मेरी रुचि राजनीति में बढी।