पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर नया अपडेट, एक बार में इतना कम होगा तेल की कीमतें

इस समय ब्रेंट क्रूड का भाव 85 डॉलर प्रति बैरल के पास ट्रेड कर रहा है, वहीं डब्लयूटीआई क्रूड का भाव 78 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है, वहीं साल के शुरुआत में कच्चे तेल का भाव 150 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था।

New Delhi, Dec 01 : पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लंबे समय से कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन जल्द ही आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद है, 6 अप्रैल के बाद से लगातार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ना तो किसी तरह की बढोतरी हुई है, और ना ही कटौती की गई है, लगातार कीमतें जस की तस बनी हुई है, सरकार की तरफ से कीमतों में कटौती करने के लिये कई कदम उठाये जा रहे हैं, जिसके बाद जल्द ही दामों में कटौती होगी, विशेषज्ञ का मानना है कि जल्द ही कीमतों में 10 फीसदी यानी करीब 14 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती होगी।

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जनवरी के लेवल पर पहुंचा क्रूड
ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट होने की संभावना है, petrol diesel विशेषज्ञ के अनुसार इस समय ब्रेंट क्रूड का भाव लगातार गिरकर जनवरी के स्तर पर पहुंच चुका है, वहीं इस दौरान घरेलू बाजार में तेल की कीमतों में कोई कटौती नहीं हुई है, ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी कटौती आएगी।

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150 के फिसलकर 85 पर आया कच्चा तेल
इस समय ब्रेंट क्रूड का भाव 85 डॉलर प्रति बैरल के पास ट्रेड कर रहा है, वहीं डब्लयूटीआई क्रूड का भाव 78 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है, वहीं साल के शुरुआत में कच्चे तेल का भाव 150 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था, आज करीब 85 से 75 डॉलर के बीच ट्रेड कर रहा है। petrol price आपको बता दें कि घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतें ग्लोबल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उठा-पटक से घटते-बढते हैं, लेकिन यहां पर कीमतों में स्थिरता बनी हुई है, ऐसे में माना जा रहा है कि गिरावट जल्दी ही देखने को मिलेगी।

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क्यों ग्लोबल मार्केट में हो रही गिरावट
कमोडिटी एक्सपर्ट के अनुसार अगर क्रूड की कीमतों में 1 डॉलर की कटौती होती है, तो इसके बाद रिफाइनरी कंपनियों को करीब 45 पैसे की बचत होती है, वहीं इस हिसाब से देखा जाए, तो अब तक इन कंपनियों का घाटा भी पूरा हो चुका होगा, Petrol तो कीमतों में बड़ी गिरावट आएगी, आपको बता दें कि ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती की वजह से दुनियाभर में ईंधन की खपत घट रही है, जिसकी वजह से ग्लोबल मार्केट में लगातार गिरावट हावी हो रही है।