बस ड्राइवर की बेटी आईएएस, दिलचस्प है इस महिला अधिकारी की सक्सेस स्टोरी

प्रीति हुड्डा बचपन से ही पढाई में होशियार थी, उन्होने 10वीं परीक्षा 77 फीसदी नंबरों के साथ पास किया था, वहीं 12वीं में अच्छे नंबर लाने के लिये और मेहनत की, वो 87 प्रतिशत नंबरों से पास हुई।

New Delhi, Jan 17 : जब घर के बच्चे अधिकारी बनते हैं, तो घर वालों का भी सीना चौड़ा हो जाता है, ये तब और शानदार होता है, जब घर के बड़े ज्यादा पढे-लिखे ना हों, बेटी टॉप कर सरकारी अधिकारी बन जाए, जी हां, हम बात कर रहे हैं हरियाणा की बेटी प्रीति हुड्डा की, दरअसल प्रीति यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पस कर आईएएस अधिकारी बन गई हैं।

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पढाई में होशियार
प्रीति हुड्डा बचपन से ही पढाई में होशियार थी, उन्होने 10वीं परीक्षा 77 फीसदी नंबरों के साथ पास किया था, वहीं 12वीं में अच्छे नंबर लाने के लिये और मेहनत की, वो 87 प्रतिशत नंबरों से पास हुई, प्रीति का परिवार चाहता था कि बेटी की जल्दी शादी हो जाए, क्योंकि घर की आर्थिक हालत ज्यादा अच्छी नहीं थी, लेकिन प्रीति के मन में तो कुछ और ही चल रहा था।

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पिता बस ड्राइवर
प्रीति हुड्डा हरियाणा के बहादुरगढ की रहने वाली है, उनके पिता डीटीसी बस चलाते हैं, 12वीं पास करने के बाद आगे की पढाई के लिये प्रीति ने दिल्ली के लक्ष्मी बाई कॉलेज में एडमिशन ले लिया, हिंदी में स्नातक किया, इसके बाद जेएनयू दिल्ली से हिंदी में पीएचडी भी की है।

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हिंदी माध्यम से पढाई
प्रीति हुड्डा ने अपनी पूरी पढाई हिंदी माध्यम से की है, उन्होने यूपीएससी में भी अपना मीडियम हिंदी ही चुना था, साथ ही उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट भी हिंदी था, ऐसा नहीं है कि प्रीति ने पहली बार परीक्षा दिया और पास हो गई, वो पहली बार में सिविल सेवा परीक्षा पास नहीं कर पाई, फिर और मेहनत की, 2017 में दोबारा एग्जाम दिया, इस बार उन्होने अपने सपने को पूरा कर लिया, उनका ऑल इंडिया रैंक 288 था, जब उन्होने पिता को रिजल्ट की सूचना देने के लिये फोन किया, तो पिता डीटीसी बस चला रहे थे।