गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्या को बनाया था हवस का शिकार, आसाराम को कोर्ट ने सुनाई सजा

बलात्कार का ये मामला लंबे समय से गांधीनगर की कोर्ट में विचाराधीन था, सोमवार को स्वयंभू संत को कोर्ट ने शिष्या से बलात्कार का दोषी ठहराया, मंगलवार को उम्र कैद की सजा सुना दी।

New Delhi, Jan 31 : बलात्कार के दोषी आसाराम को कोर्ट ने सजा सुनाई है, आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था, मंगलवार को कोर्ट ने दोषी आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई है, आसाराम पर अपनी शिष्या से बलात्कार करने का आरोप था, खुद पीड़िता ने आश्रम में रहने के दौरान हैवानियत बयां की थी, पीड़िता ने आसाराम पर गुरु पूर्णिमा के दिन बलात्कार करने का आरोप लगाया था, केस दर्ज किये जाने के 9 साल बाद कोर्ट ने अब सजा सुनाई है।

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कोर्ट में था मामला
आपको बता दें कि बलात्कार का ये मामला लंबे समय से गांधीनगर की कोर्ट में विचाराधीन था, सोमवार को स्वयंभू संत को कोर्ट ने शिष्या से बलात्कार का दोषी ठहराया, मंगलवार को उम्र कैद की सजा सुना दी, COURT अभियोजन पक्ष ने सोमवार को कहा था कि कोर्ट के जज डीके सोनी ने सबूत के अभाव में आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन, उसकी बेटी और अपराध को बढावा देने के आरोपित 4 शिष्यों के साथ 6 अन्य आरोपियों को रिहा कर दिया था।

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हाई कोर्ट में देंगे चुनौती
गांधीनगर कोर्ट का फैसला आने के बाद आसाराम की तरफ से केस लड़ रहे वकील ने कहा कि सत्र न्यायालय के फैसले को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी, Asaram (1) आपको बता दें कि पीड़िता की छोटी बहन ने आसाराम के बेटे नारायण साईं पर बलात्कार का आरोप लगाया था, इतना ही नहीं हैवानियत की हद पार करते हुए उसे अवैध रुप से बंधक बनाकर रखा गया था, मामले में अप्रैल 2019 में साईं को सूरत की कोर्ट ने दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी, पूर्व शिष्या ने नारायण साईं के खिलाफ 2013 में बलात्कार का केस दर्ज कराया था।

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कई बार रेप
आसाराम की हैवानियत बताते हुए पीड़िता ने कहा था कि दोषी ने 2001 से 2006 तक कई मौकों पर उसके साथ दरिंदगी की थी, सूरत की रहने वाली पीड़िता ने कहा था कि तब वो अहमदाबाद के समीर मोटेरा आश्रम में रह रही थी, 2006 में वो आश्रम से भागने में सफल रही, पीड़िता ने 2013 में केस दर्ज कराया था।